देश की पहली फ्लैक्स फ्यूल इंजन वाली टोयोटा कोरोला अल्टिस से उठा पर्दा
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भारत की पहली फ्लैक्स फ्यूल इंजन वाली कार टोयोटा कोरोला अल्टिस को पेश कर दिया है। यह हाइब्रिड पावरट्रेन के विकल्प में आई है। यह कार भारतीय बाजार में इस तकनीक पर आधारित देश की पहली कार है। बता दें, सरकार देश में फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियों को लाने की तैयारी कर रही है। साथ ही ऑटो निर्माताओं से भी फ्लेक्स फ्यूल वाले इंजन बनाने का अनुरोध कर चुकी है।
क्या होता है फ्लैक्स फ्यूल?
'फ्लैक्स-फ्यूल इंजन' एक आंतरिक दहन इंजन (ICE) ही है, जो एक से अधिक प्रकार के ईंधन और मिश्रण पर भी चल सकता है। आमतौर पर इनमें पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। यह इंजन इन ईंधनों को किसी भी अनुपात में लेकर काम करने में सक्षम होते हैं। यह इंजन 100 प्रतिशत पेट्रोल या इथेनॉल पर चलने में सक्षम हैं। इनका प्रयोग ब्राजील, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में पहले से हो रहा है।
ये कंपनियां भी बना चुकी है इथेनॉल से चलने वाले वाहन
फ्लैक्स फ्यूल वाली गाड़ियों के बारे में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि सिर्फ टोयोटा ही नहीं, बल्कि TVS, बजाज और हीरो मोटोकॉर्प जैसी अन्य कम्पनिया भी इथेनॉल से चलने वाली बाइक्स बना चुकी हैं।
इन फीचर्स से लैस है कोरोला अल्टिस
कोरोला अल्टिस को हाइब्रिड पावरट्रेन का विकल्प मिला है। यह गाड़ी पेट्रोल और इथेनॉल से चल सकती है। साथ ही इसमें इलेक्ट्रिक पावरट्रेन का भी विकल्प है। इस कार में 1.8-लीटर का हाइब्रिड पेट्रोल इंजन दिया गया है। इसे 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की मदद से आसानी से चलाया जा सकता है। ट्रांसमिशन के लिए इसमें मैन्युअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प दिया गया है।
हाइड्रोजन से चलने वाली कार पहले ही पेश कर चुकी है टोयोटा
टोयोटा और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (ICAT) साथ मिलकर हाइड्रोजन आधारित एडवांस फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों (FCEV) के एक पायलट परियोजना पर काम कर रही हैं। इस परियोजना में भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों के हिसाब से दुनिया के सबसे उन्नत FCEV टोयोटा मिराई पर अध्ययन किया जाएगा। कुछ महीने पहले ही गडकरी ने इसका उद्घाटन किया था। इसका उद्देश्य हाइड्रोजन FCEV तकनीक के बारे में जागरूकता फैलाना है।
इस वजह से चुनी गई है टोयोटा मिराई
टोयोटा मिराई के नाम सिंगल टैंक पर 1,359 किलोमीटर चलने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है, जिससे यह दुनिया की सबसे ग्रीन कार बन गई है। टोयोटा मिराई के पास EPA सर्टिफिकेट भी है, जिसके अनुसार यह कार फुल टैंक पर 650 किलोमीटर की माइलेज देती है। इसके आलवा हाइड्रोजन को फिर से भरने में कम समय लगता है और इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह इसमें भी जीरो टेल पाइप उत्सर्जन होता है।