भारत में अब नहीं मिलेंगी डैटसन की गाड़ियां, कंपनी ने बंद किया उत्पादन
क्या है खबर?
दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी निसान ने आधिकारिक रूप से भारत में बजट ऑटो ब्रांड डैटसन को बंद कर दिया है।
कंपनी इस ब्रांड के तहत अपनी सभी गाड़ियों का उत्पादन बंद कर रही है। हालांकि, डीलर्स के पास मौजूदा गाड़ियों के स्टॉक रहने तक कंपनी इनकी बिक्री जारी रखेगी।
बता दें कि कंपनी इस ब्रांड के तहत नौ सालों तक देश में बजट गाड़ियों की बिक्री की है।
आइए, जानते हैं इस बारे में क्या जानकारी मिली है।
वजह
इस वजह से बंद हो रहा डैटसन ब्रांड
डैटसन गो और गो प्लस मॉडल का उत्पादन कुछ समय पहले ही बंद हो गया था और अब कंपनी अपनी रेडि गो का भी उत्पादन बंद कर रही है।
जनवरी-दिसंबर 2021 के बीच 12 महीने में डैटसन ने भारतीय बाजार में केवल 4,296 गाड़ियों की बिक्री है और इस वजह से कंपनी को काफी नुकसान हो रहा था।
निसान भी अपनी कई कम बिकने वाली गाड़ियों को हटाकर उत्पादन में 10 फीसद की कटौती करने की योजना बना रही है।
सर्विस
पार्ट्स और सर्विस प्रदान करती रहेगी कंपनी
निसान भारत में डैटसन का संचालन पूरी तरह से बंद नहीं कर रही है। कंपनी अपने ग्राहकों को स्पेयर पार्ट्स और सर्विस मुहैया करती रहेगी।
निसान ने अपने बयान में कहा, "हम सभी मौजूदा डैटसन मालिकों को आश्वस्त कर सकते हैं कि ग्राहकों की संतुष्टि हमारी प्राथमिकता बनी हुई है और हम अपने राष्ट्रीय डीलरशिप नेटवर्क से ग्राहकों को सर्विस, पार्ट्स की उपलब्धता और वारंटी प्रदान करना जारी रखेंगे।"
जानकारी
क्यों घट रहे थे डैटसन मॉडलों के दाम?
डैटसन गाड़ियों की मांग में कमी की सबसे बड़ी वजह कंपनी की सख्त लागत-कटौती उपायों का रहा।
कंपनी के सभी मॉडलों में खुले वेल्ड और वायरिंग, प्लास्टिक की गुणवत्ता और बुनियादी उपकरणों की कमी देखी जा रही थी और इस वजह से इन गाड़ियों को क्रैश टेस्ट में भी अच्छे अंक प्राप्त नहीं हुए थे।
वहीं, बजट सेगमेंट में मारुती और टाटा जैसी कंपनियां बेहतरीन पेशकश कर रही हैं और सुरक्षित होने के कारण ग्राहक इन्हे खरीदना पसंद करते हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पिछले साल ही फोर्ड मोटर ने भारत में कार निर्माण का कार्य बंद कर चुकी है। इसके साथ ही कंपनी भारत में लगे दोनों प्लांट भी बंद कर दिया है।
भारत में फोर्ड के दोनों प्लांटों को बंद करने का कारण इनके लगातार क्षमता से कम उपयोग को ठहराया जा रहा है।
फोर्ड के अलावा शेवरले, जनरल मोटर्स और हार्ले-डेविडसन जैसी कंपनियां भी भारत से अपना कारोबार समेट चुकी हैं।