40 साल पुराने 796cc इंजन का उत्पादन बंद करेगी मारुति, ऑल्टो में होता है इस्तेमाल
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अपने सबसे पुराने 796cc इंजन को बंद करने का फैसला किया है। आपको जानकार हैरानी होगी की कंपनी ने इस इंजन का इस्तेमाल अपनी अलग-अलग गाड़ियों में 40 सालों तक किया है। यह एक इनलाइन ट्रिप्पल इंजन है, जिसे F8 कोडनेम दिया गया है और कंपनी ने सबसे पहले इसका इस्तेमाल अपनी मारुति 800 कार में किया था।
क्यों खास है कंपनी का यह इंजन?
मारुति सुजुकी ने भारतीय बाजार में सबसे पहले अपनी मारुति 800 को लॉन्च किया था। इस कार में कंपनी ने 796cc वाला SOHC 6-वॉल्व इंजन का प्रयोग किया था। साथ ही यह इंजन दो वेरिएंट्स F8B और F8D उपलब्ध था। F8B अवतार में यह इंजन 39hp की पावर और F8D अवतार में यह 48hp की पावर जनरेट करने में सक्षम था। इस इंजन के साथ मारुति 800 एक लीटर पेट्रोल में 24.5 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती थी।
क्यों बंद हो रहा यह इंजन?
प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार अगले साल अप्रैल में रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) और कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इकॉनमी (CAFE-2) मानकों को लागू करने वाली है। इसके तहत सगले साल से सभी गाड़ियों को BS6-(II) स्टैंडर्ड को पूरा करना अनिवार्य हो जाएगा। इस वजह से कई ऑटोमोबाइल कंपनियां अपनी डीजल से चलने वाली गाड़ियां बंद कर रही है। हालांकि, मारुति अपनी डीजल कारों को पहले ही बंद कर चुकी है इसलिए कंपनी अपने पुराने इंजन को भी बंद करेगी।
इस इंजन को बनाने में आ रही अधिक लागत
इस इंजन को बंद करने की दूसरी वजह इसे अपग्रेड करने में आ रही अधिक लागत है। चूंकि यह इंजन 40 साल पुराना है। इसलिए BS6-(II) मानकों को पूरा करने करने के लिए इसे अपडेट करना पड़ेगा और इसमें कंपनी को अधिक लागत आएगी। वर्तमान में कंपनी इस इंजन का इस्तेमाल अपनी ऑल्टो और ओमनी वैन जैसी गाड़ियों में करती हैं। अनुमान लगाया जा रहा है आने वाले समय में कंपनी इन गाड़ियों में एक नए इंजन का इस्तेमाल करेगी।
क्या है सबसे पहली मारुति 800 की कहानी?
मारुति 800 को सबसे पहले 47,500 रुपये की एक्स शोरूम कीमत पर लॉन्च किया गया था। शुरुआती दौर में कंपनी इस कार का उत्पादन मारुति उद्योग लिमिटेड की हरियाणा इकाई में किया करती थी, जिसे आज मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। इस कार की पहली यूनिट के मालिक नई दिल्ली के हरपाल सिंह थे, जिन्होंने उत्पादन प्लांट में इसके औपचारिक उद्घाटन पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से इस कार की चाबियां प्राप्त की थीं।
मारुति सुजुकी मुख्यालय में प्रदर्शित की गई भारत की पहली मारुति 800
कंपनी ने इस कार की मरम्मत के लिए हरपाल सिंह के परिवार से समझौता किया था। कार में सभी नए स्पेयर पार्ट्स को लगाया गया और मरम्मत कर एक दम नया कर दिया गया। हालांकि, अपनी उम्र के चलते यह कार दिल्ली की सड़कों पर चलने के योग्य नहीं थी और परिवार इसे उपयोग नहीं कर सकता था। इसलिये कंपनी ने इसे देश में अपनी पहली सफलता की कहानी के रूप में अपने मुख्यालय में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया।