फिर से सड़कों पर दौड़ती दिखेगी हिंदुस्तान मोटर्स की एम्बेसडर कार
दशकों तक देश की सड़कों पर शान से चलने वाली हिंदुस्तान मोटर्स की एम्बेसडर कार लगभग गुम हो चुकी है, लेकिन कभी भारत की शान कही जाने वाली यह कार अब एक बार फिर सड़कों पर दौड़ती दिखाई देगी। हिंदुस्तान मोटर्स और फ्रेंच कार निर्माता प्यूजो (Peugeot) के बीच हुए एक समझौते के तहत दोनों कंपनियां इसके इंजन और डिजाइन पर काम कर रहीं हैं। हिंदुस्तान मोटर्स देश के जाने-माने ब्रांड बिरला ग्रुप की ही एक एसोसिएट कंपनी है।
आखिरी चरण में है डिजाइन का काम
हिंदुस्तान मोटर्स के निदेशक उत्तम बोस के अनुसार नई एम्बेसडर के इंजन और डिजाइन का काम आखिरी चरण में है। इसके नए मॉडल 'एम्बी' को चेन्नई स्थित प्लांट में बनाया जाएगा। इस प्लांट में जापानी कंपनी मित्सुबिसी की कारों का भी निर्माण हो चुका है।
कैसा होगा इसका लुक?
उत्तम बोस के अनुसार यह कार एक नए लुक में नजर आएगी, लेकिन जितना संभव हो सकेगा इसके ओरिजिनल डिजाइन को बरकरार रखने की कोशिश की जाएगी। यह कार एक आधुनिक अवतार में प्रीमियम स्टाइलिंग और नए तकनीकी फीचर्स के साथ लैस होगी। एम्बेसडर कार अपनी मजबूती के लिये आज भी जानी जाती है, इसके नये मॉडल में भी मजबूती पर खासा ध्यान दिया जाएगा। इसके अगले दो साल में भारतीय बाजार में आने की उम्मीद लगाई जा रही है।
बिक्री बंद होने से पहले पेट्रोल, डीजल और CNG तीनों विकल्पों में थी मौजूद
बिक्री बंद होने से पहले यह कार पेट्रोल, डीजल और CNG तीनों विकल्पों में थी। पेट्रोल और CNG वेरिएंट में 1,817cc का इंजन दिया जाता था, जो 75ps की पावर और 130Nm का टॉर्क जनरेट करता था। इसके डीजल वेरिएंट में दो इंजन- 1,489cc और 1,995cc का विकल्प दिया जाता था। 1,489cc के इंजन की क्षमता 35.5bhp पावर और 72.9Nm टॉर्क देने की थी। वहीं 1,995cc के इंजन की क्षमता 56ps पावर और 112Nm टॉर्क जनरेट करने की थी।
कैसे हुई थी इस कार शुरुआत?
1942 में बीएम बिरला ने मॉरिस मोटर्स के सहयोग से हिंदुस्तान मोटर्स की शुरुआत गुजरात के ओखा पोर्ट से की थी। 1948 में कंपनी अपने प्लांट को पश्चिम बंगाल के उत्तरपाड़ा में ले आई और यहां इन्होंने मॉरिस द्वारा डिजाइन की गई एम्बेसडर कार का निर्माण शुरु किया। यही कारण है कि यह कार कोलकाता की सड़कों पर आज भी देखने को मिल जाती है। 1970 के दशक तक भारतीय कार बाजार में हिंदुस्तान मोटर्स की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
2014 में बंद हो गई थी कार
एम्बेसडर का किसी के पास होना शान की बात हुआ करती थी, लेकिन 1983-91 के बीच मारुति 800 जैसी सस्ती और अधिक किफायती कारें देश में लॉन्च हुई, तो एम्बेसडर को चुनौती का सामना करना पड़ा। यह क्षेत्र में तेजी से बदलती तकनीक में भी पीछे रही, जिसके परिणामस्वरूप कार की बिक्री में गिरावट आई और अंततः 2014 में बंद भी हो गई। 2017 में प्यूजो ने बिरला ग्रुप से एम्बेसडर ब्रांड को 80 करोड़ रुपये में खरीद लिया था।
हिंदुस्तान मोटर्स का इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भी उतरने का प्लान
खबरों के अनुसार, हिंदुस्तान मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भी उतरने का प्लान कर चुकी है। कंपनी ने इसके लिए एक यूरोपियन इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी के साथ हाथ मिलाया है। यह साझेदारी 51:49 की होगी, जिसमें 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हिंदुस्तान मोटर्स की रहेगी। इसके तहत हिंदुस्तान मोटर्स अपने कोलकाता के प्लांट में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स का निर्माण करेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी का प्लान इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के बाद इलेक्ट्रिक कारें बनाने का भी है।