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इन शर्तों पर टेस्ला के लिए आयात शुल्क कम करने का विचार कर सकती है सरकार
सरकार टेस्ला के लिए कम कर सकती आयात शुक्ल

इन शर्तों पर टेस्ला के लिए आयात शुल्क कम करने का विचार कर सकती है सरकार

Aug 13, 2021
09:30 pm

क्या है खबर?

भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला की आयात शुल्क (इंपोर्ट टैक्स) को कम करने की मांग पर विचार कर सकती है। सरकार ने इस बात पर विचार करने से पहले टेस्ला को दो शर्तों को पूरा करने को कहा है। बता दें कि टेस्ला भारत में अपनी फुली इलेक्ट्रिक कार का परिचालन शुरू करने की योजना बना रही है, जिसके लिए शुल्क कम करने की मांग की गई है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

कारण

इस वजह से बिक्री में हो रही देरी

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री शुरू करने की टेस्ला की योजना इस साल बढ़ाए गए आयात शुल्क की वहज से प्रभावित हुई है। 40,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपये) से कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वर्तमान आयात शुल्क 60 प्रतिशत है और इससे ऊपर की किसी भी चीज के लिए 100 प्रतिशत है। इसलिए टेस्ला मौजूदा आयात शु्ल्क को घटाकर 40 प्रतिशत करने का अनुरोध कर रही है।

जानकारी

सरकार ने रखी ये शर्तें

सरकार ने आयात शुल्क कम करने से पहले टेस्ला के सामने स्थानीय वेंडरों से खरीद बढ़ाने और विस्तृत विनिर्माण योजनाओं को साझा करने के लिए कहा है। इनके बाद ही सरकार आयात शुल्क कम करने की मांग पर विचार करेगी।

जानकारी

टेस्ला ने निवेश का किया है वादा

टेस्ला ने दावा किया कि उसने भारत से वाहनों से संबंधित सामान के लिए अब तक 100 मिलियन डॉलर (लगभग 7.4 अरब रुपये) की खरीदारी की है और सुझाव दिया है कि किसी भी टैक्स रियायत के बाद यह आंकड़ा और बढ़ेगा। इसके अलावा टेस्ला ने वादा किया है कि वह बिक्री, सर्विस और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण निवेश और भारत में प्रवेश करने के बाद विनिर्माण क्षेत्र में भी व्यापक निवेश करेगी।

मांग

फॉक्सवैगन भी कर रही आयात शुल्क में कटौती की मांग

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता फॉक्सवैगन भारत में इलेक्ट्रिक कारों पर कम आयात शुल्क की मांग कर रही है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिल सके। इसके लिए कंपनी ने टेस्ला को समर्थन देते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात शुल्क पर 25 प्रतिशत तक की कटौती करने की मांग की है। फॉक्सवैगन ने कहा कि यह कटौती घरेलू उद्योगों के लिए बड़ा खतरा नहीं होगी, लेकिन इससे निवेश को बढ़ाने में मदद मिलेगी।