दिल्ली में वाहन खरीदना हुआ आसान, अब डीलरशिप पर ही मिलेगा RC
दिल्ली में नए वाहन खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली के परिवहन विभाग की तरफ से जारी नए नियम के मुताबिक अब चालक डीलरशिप पर ही नए वाहन का अस्थाई रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) प्राप्त कर सकेंगे। कोरोना महामारी के चलते यह नियम लागू किया गया है। इससे वाहन खरीदने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए RTO ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। आइये जानते हैं रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से जुड़े पूरे नियम के बारे में।
क्या थे पहले के नियम?
इस नियम के लागू होने से पहले दिल्ली के बाहर के लोगों द्वारा खरीदे गए वाहनों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) के मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी द्वारा अस्थायी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाता था। अब नए नियम के तहत अब वाहन डीलर ही इन अस्थायी सर्टिफिकेटों को जारी कर सकेंगे। ये वाहन के स्थायी रूप से रजिस्ट्रेशन होने तक मान्य रहेंगे। इससे दिल्ली के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से यहां वाहन खरीदने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।
नियुक्त हुए हैं कई 'सेल्फ रजिस्ट्रेशन' डीलर
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने हाल ही में दिल्ली मोटर वाहन नियम, 1993 के तहत 'सेल्फ रजिस्ट्रेशन' डीलरों को स्पेशल रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के रूप में नियुक्त किया है। इसके तहत ये डीलर उनके आउटलेट से बेचे जाने वाली नई प्राइवेट गाड़ियों का अस्थायी रजिस्ट्रेशन जारी करने के लिए सक्षम होंगे। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में सेवाओं को सरल करने का प्रयास किया जा रहा है।
डीलरों को स्थाई RC के लिए सक्षम बनाना है मकसद
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह नियम वाहन डीलरों को अंत में स्थाई रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सक्षम बनाने की दिशा में एक कदम है। इसका पायलट टेस्ट किया जा चुका है। इस तरह डीलरों को सशक्त बनाने के लिए उन्हे अस्थायी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा, "हमने इस प्रणाली को तीन क्षेत्रों में संचालित किया है और इसे करने के तौर-तरीकों को मजबूत किया है।"
केंद्र सरकार ने भी ड्राइविंग टेस्ट के नियम बदले
इससे पहले केंद सरकार ने भी कोरोना को ध्यान में रखते हुए ड्राइविंग टेस्ट को लेकर बड़े बदलाव किए थे। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के तहत लाइसेंस बनवाने के लिए RTO ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब एक मान्यता प्राप्त ड्राइविंग टेस्ट सेंटर से ट्रेनिंग लेने के बाद उससे मिली सर्टिफिकेट के आधार पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा। शर्त यह है कि ये टेस्ट सेंटर सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त होने चाहिए।