दिल्ली: ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या हुई 620, इंजेक्शन की कमी से बढ़ी परेशानी- अरविंद केजरीवाल
कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार को कम करने में कामयाब हुई दिल्ली सरकार अब राज्य में तेजी से बढ़ रहे म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामलों से जूझ रही है। राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 620 पर पहुंच गई है और प्रतिदिन इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके उपचार में काम आने वाले इंजेक्शन की कमी बताते हुए केंद्र से सहयोग की मांग की है।
आखिर क्या होता है ब्लैक फंगस?
म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ संक्रमण है। यह म्यूकर फंगस के कारण होता है जो मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है। यह आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है जो लंबे समय दवा ले रहे हैं और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। देश में ब्लैक के बाद व्हाइट फंगस और येलो फंगस के भी मामले सामने आ चुके हैं। ये बीमारी आंख और दिमाग के अलावा कई अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचाती है।
क्या है ब्लैक फंगस का उपचार?
डॉक्टरों का कहना है कि फंगस का इलाज तुरंत किए जाने की जरूरत है। आमतौर पर इसके इलाज में एंटी-फंगल दवाओं का इस्तेमाल होता है और कई मामलों में फंगस हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इलाज में सबसे ज्यादा लिपोसोमल एम्फोटेरिसीन बी इंजेक्शन का उपयोग होता है। अगर यह न मिले तो एम्फोटेरिसीन बी डिऑक्सीक्लोरेट इंजेक्शन, इसावुकोनाजोल (Isavuconazole) और पोसाकोनाजोल (Posaconazole) का इस्तेमाल होता है। अंतिम दो गोली और इंजेक्शन दोनों रूप में उपलब्ध हैं।
दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले- केजरीवाल
बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों के बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मामलों की संख्या बढ़कर 620 पर पहुंच गई है। सोमवार को यह 500 पर थी। ऐसे में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र इसके उपचार में काम आने वाली दवा नहीं देने के कारण समस्या बढ़ रही है। दिल्ली को प्रतिदिन ब्लैक फंगस के उपचार के लिए 4,000 एम्फोटेरिसीन बी इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन केंद्र सिर्फ 400 इंजेक्शन ही दे रहा है।
दिल्ली में इस तहर से बढ़ी रही है ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या
दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में इन दिनों कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज आ रहे हैं। यहां प्रतिदिन ब्लैक फंगस के करीब 30 मरीज भर्ती हो रहे हैं। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि तीन-चार दिन पहले अस्पताल में इसके 13 मरीज थे और बुधवार को इनकी संख्या 64 पर पहुंच गई है। अस्पताल में इस समय कोरोना संक्रमण से ज्यादा ब्लैक फंगस संक्रमण के मरीज आ रहे हैं।
राज्यों को अधिसूचित बीमारी घोषित करने को कहा गया
इसी महीने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया था कि देश के कई हिस्सों में फंगल संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। इन्हें कोविड एसोसिएटिड म्यूकरमाइकोसिस (CAM) के नाम से भी जाना जाता है। स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल इसकी प्रमुख वजहों में से एक है। इसके बाद केंद्र ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने के लिए कहा था। जिसके बाद कई राज्यों ने यह कदम उठाया है।