फोर्ड चेन्नई के प्लांट में करेगी केवल इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण, ICE मॉडल करेगी आयात
फोर्ड मोटर्स 3 साल बाद फिर से भारतीय बाजार में वापसी करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इस बार उसने अपनी रणनीति बदल दी है। शुरुआती चरण में वह वैश्विक बाजारों के लिए मुख्य रूप से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (BEV) पर ध्यान केंद्रित करेगी। अमेरिकी वाहन निर्माता द्वारा स्थानीय स्तर पर आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों के उत्पादन में निवेश करने की उम्मीद नहीं है और यहां ICE गाड़ियों को सीमित संख्या में आयात कर बेचने का विचार है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चेन्नई प्लांट में करेगी बदलाव
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने कहा, "फोर्ड को एहसास है कि 2025 भारत में BEV बाजार के लिए निर्णायक मोड़ होगा।" उसने आगे कहा, "पेट्रोल-डीजल वाहन बनाना अब लाभदायक नहीं होगा, यही कारण है कि फोर्ड बैटरी चालित मॉडलों के लिए समर्पित असेंबली लाइन बनाने के लिए चेन्नई प्लांट का नवीनीकरण कर रही है।" फोर्ड ने निर्यात के लिए चेन्नई प्लांट को फिर से उपयोग में लेने के लिए तमिलनाडु सरकार को एक पत्र भी लिखा है।
निर्यात के बाद भारत में उतारेगी गाड़ियां
एक अन्य सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया कि फोर्ड का पहला कदम बैटरी पार्ट्स सहित BEV कंपोनेंट के लिए एक मजबूत आपूर्तिकर्ता पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना होगा। एक बार सप्लाई चेन तैयार हो जाने के बाद कंपनी अपने चेन्नई प्लांट में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन शुरू करेगी। इसके बाद उन्हें नजदीकी बंदरगाहों के माध्यम से वैश्विक बाजारों में निर्यात करेगी। अगले चरण में इन वाहनों को भारतीय बाजार में पेश करने की योजना है।