विदेशों में पंसद आ रही भारत में बनी छोटी कारें, निर्यात में हुई बढ़ोतरी
देश में जहां स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (SUV) लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं, वहीं भारत में बनी छोटी गाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जबरदस्त सफलता मिल रही है। मारुति सुजुकी, हुंडई, सिट्रोन, फॉक्सवैगन, होंडा, निसान और रेनो जैसी कंपनियों की छोटी गाड़ियां विदेशों में खूब पसंद की जा रही हैं। भारत के यात्री वाहन (PV) बाजार में अब छोटी कारों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से कम है, जबकि वित्त वर्ष 24 में SUV सेगमेंट का योगदान 53.6 प्रतिशत रहा।
मारुति ने विदेशों में भेजी 2.8 लाख गाड़ियां
घरेलू बाजार में इस बदलाव के बीच, भारतीय वाहन निर्माताओं ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में छोटी कारों के निर्यात में वृद्धि की है। वित्त वर्ष 2024 में मारुति सुजुकी ने दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली, मैक्सिको और फिलीपींस जैसे देशों में स्विफ्ट, डिजायर, S-प्रेसो और बलेनो जैसे मॉडल्स सहित 2.8 लाख कारों का निर्यात किया। इसी तरह हुंडई ने 1.6 लाख ग्रैंड i10 निओस, वरना और ऑरा जैसी सेडान दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मैक्सिको, चिली और पेरू में निर्यात की हैं।
किआ का ऐसा रहा है निर्यात आंकड़ा
दक्षिण कोरियाई किआ मोटर्स ने भारत में बनी 52,000 से ज्यादा गाड़ियां विभिन्न देशों में भेजी हैं, जबकि फॉक्सवैगन ने 44,000 से ज्यादा और निसान ने 42,000 से ज्यादा गाड़ियाें का निर्यात किया है। एक समय भारत के PV बाजार में छोटी कारों का दबदबा था, जिसमें पिछले कुछ सालों में गिरावट आई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल कार बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 47.4 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2019 में यह आंकड़ा गिरकर 46 प्रतिशत हो गया।