
चीनी इलेक्ट्रिक कारों से डाटा चोरी का डर, ब्रिटेन ने जारी की चेतावनी
क्या है खबर?
ब्रिटेन में रक्षा से जुड़ी कंपनियों ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे चीनी इलेक्ट्रिक कारों में अपने फोन को न जोड़ें।
उन्हें चिंता है कि बीजिंग सरकार इन कारों के जरिए लोगों के फोन से संवेदनशील डाटा निकाल सकती है।
कारों में माइक्रोफोन, कैमरे और वाई-फाई जैसे फीचर होते हैं, जो डाटा भेजने या निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं। कार और फोन के बीच कनेक्शन से डाटा लीक होने का खतरा है।
खतरा
मोबाइल से जुड़ने पर हो सकता है खतरा
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारें आधुनिक तकनीक से लैस होती हैं, जिससे वो आसानी से हैक हो सकती हैं।
अगर कोई व्यक्ति मोबाइल फोन को ब्लूटूथ या चार्जिंग केबल से कार से जोड़ता है, तो उसमें सेव कॉन्टैक्ट्स और अन्य जानकारियां कार में ट्रांसफर हो सकती हैं।
खासतौर पर किराये की कारों में यह और खतरनाक होता है, क्योंकि लोग डाटा हटाना भूल जाते हैं, जिससे वह जानकारी दूसरे के हाथ लग सकती है।
अन्य
सिर्फ चीनी गाड़ियां ही नहीं चिंता की वजह
चीन दुनिया में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाला देश है।
वहां के कानून के अनुसार, कंपनियों को सरकार की जासूसी में मदद करनी होती है, जिससे ये आशंका है कि चीनी कारों के जरिए जासूसी हो सकती है।
हालांकि, अब तक इसके कोई पक्के सबूत नहीं मिले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन शायद अपने बड़े एक्सपोर्ट सेक्टर को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहेगा, लेकिन जोखिम बना रहता है।
ब्रिटेन
ब्रिटेन सरकार ने क्या कहा?
ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है।
सरकार के मुताबिक, सभी सरकारी स्थलों और जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए कड़े नियम लागू हैं। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने बताया कि मंत्रालय सभी वाहनों से खतरे को ध्यान में रखते हुए अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
चीन की गाड़ियों पर अभी कोई सीधा प्रतिबंध नहीं है, लेकिन कुछ साइटों पर उनके प्रवेश पर सीमाएं हो सकती हैं।