दक्षिण कोरिया: यून सुक योल बने रहेंगे राष्ट्रपति, पारित नहीं हो सका महाभियोग प्रस्ताव
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ नेशनल असेंबली में विपक्षी पार्टियों द्वारा लाया गया महाभियोग प्रस्ताव पारित नहीं हो सका है। विपक्ष प्रस्ताव पारित करने के लिए जरूरी वोट नहीं जुटा पाया। 192 विपक्षी सांसदों के अलावा सत्तारूढ़ पार्टी के भी 3 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, इसके बावजूद विपक्ष को 195 वोट ही मिले, जो प्रस्ताव को पारित करने के लिए जरूरी 200 वोट से कम है।
क्यों गिर गया प्रस्ताव?
दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली में 300 सदस्य हैं। प्रस्ताव को पारित करने के लिए दो-तिहाई यानी 200 वोटों की जरूरत थी। विपक्षी पार्टियों के पास सदन में 192 सांसद ही हैं। ऐसे में वे सत्तारूढ़ पीपुल पावर पार्टी (PPP) के सांसदों पर निर्भर थी। मतदान से पहले PPP के 108 सांसदों में से 107 ने वॉकआउट कर दिया। हालांकि, 3 सांसद बाद में लौट आए इसके बावजूद विपक्ष जरूरी वोट नहीं जुटा सका।
राष्ट्रपति के खिलाफ क्यों लाया गया था महाभियोग?
दरअसल, 3 दिसंबर को राष्ट्रपति यून ने विपक्षी पार्टियों पर उत्तर कोरिया से सांठगांठ करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था। इसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे और विपक्षी सांसदों ने आधी रात को संसद में पहुंचकर सर्वसम्मति से इस फैसले पलट दिया था। देश में करीब 6 घंटे तक मार्शल लॉ लागू रहा था। बाद में राष्ट्रपति ने इसके लिए माफी भी मांगी थी।