दक्षिण कोरिया: राष्ट्रपति यून के कार्यालय पर पुलिस का छापा, मॉर्शल लॉ से जुड़ा है मामला
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के कार्यालय पर बुधवार को पुलिस ने छापेमारी की, जो पिछले दिनों आपातकालीन मॉर्शल लॉ लगाने के प्रयास से जुड़ी जांच के तहत की गई। मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद जंग-चुंग राय ने संसदीय सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। राय न्यायिक मामलों से निपटने वाली संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान राष्ट्रपति यून कार्यालय में नहीं थे। कार्यालय के अलावा एजेंसियों पर भी छापे पड़े हैं।
मॉर्शल लॉ से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए
BBC के मुताबिक, पुलिस को मॉर्शल लॉ लगाने की रात हुई कैबिनेट बैठक के दस्तावेजों को जब्त करने का काम सौंपा गया है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि मार्शल लॉ घोषित करने में राष्ट्रपति यून की क्या भूमिका थी और क्या उनकी गतिविधियां विद्रोह के समान थीं। अगर राष्ट्रपति की भूमिका विद्रोह के समान मिलती है तो इसमें कोई छूट नहीं दी जा सकती है और इसके लिए मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।
राष्ट्रपति की यात्रा पर प्रतिबंध
विद्रोह के आऱोपों के बीच राष्ट्रपति यून और उनके सहयोगियों पर देश के बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जरूरत पड़ने पर उनकी आपातकालीन गिरफ्तारी भी हो सकती है। दूसरी तरफ विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति के खिलाफ एक बार फिर महाभियोग का प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले शनिवार को प्रस्ताव लाया गया, जो पर्याप्त समर्थन न मिलने से पास नहीं हुआ। राष्ट्रपति यून भी अपनी बचाव टीम तैयार कर रहे हैं।
पूर्व रक्षा मंत्री ने किया आत्महत्या का प्रयास
राष्ट्रपति कार्यालय पर छापे से पहले हिरासत केंद्र में रखे गए पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि, उनको बचा लिया गया। न्याय मंत्रालय के अधिकारी ने संसद को बताया कि किम ने अपनी अंडरवियर से जान देने की कोशिश की थी। फिलहाल उनकी हालत अभी स्थिर है। किम पर मॉर्शल लॉ लगाने के प्रयास में राष्ट्रपति का साथ देने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है।
दक्षिण कोरिया में क्या चल रहा है?
राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर को राष्ट्र के नाम संदेश में विपक्षी दलों को उत्तर कोरिया समर्थक बताते हुए अचानक मार्शल लॉ घोषित कर दिया। इसके बाद संसद के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन हुआ। घोषणा के बाद नेशनल असेंबली में सांसद जमा हुए, जिसमें 300 में से 190 सांसदों ने मार्शल लॉ के खिलाफ मतदान कर इसे हटा दिया। राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव लगाया गया। हालांकि, विपक्ष के समर्थन न जुटा पाने से प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।