रूस: बगावत के बाद अजीब शांति, अभी तक नहीं दिखे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
क्या है खबर?
रूस में वागनर समूह की बगावत नाटकीय ढंग से खत्म होने के बाद अजीब शांति छा गई है।
रूसी सरकार के खिलाफ बगावत का नेतृत्व करने वाले वागनर समूह के मुखिया येवगिनी प्रिगोजिन शांत हैं, जबकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है।
गौरतलब है कि राजधानी मॉस्को की तरफ कूच कर रहे वागनर समूह के लड़ाकों ने रूसी सरकार से समझौते के बाद अपने कदम वापस ले लिए थे।
बयान
पुतिन ने समझौते के बाद नहीं की कोई टिप्पणी
पुतिन ने अपने सहयोगी बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको द्वारा रूसी सरकार और वागनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन के बीच करवाए गए समझौते पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि पुतिन ने प्रिगोजिन को बेलारूस जाने देने और उनके लड़ाकों के खिलाफ आपराधिक विद्रोह के आरोप हटाने की गारंटी दी है।
गौरतलब है कि पुतिन ने पहले कहा था कि वागनर समूह का यह कदम देशद्रोह है, जिसके लिए कड़ी सजा दी जाएगी।
मौजूदगी
प्रिगोजिन की मौजूदा स्थिति भी फिलहाल अज्ञात
प्रिगोजिन के मौजूदा ठिकाने के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। उन्होंने शनिवार रात को खून-खराबे से बचने के लिए अपने वागनर लड़ाकों की वापसी की घोषणा करने के बाद से अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
उन्हें आखिरी बार रोस्तोव शहर में एक सैन्य ठिकाने से एक गाड़ी में जाते हुए देखा गया था। सोशल मीडिया पर सामने आई इस वीडियो में लोगों की भीड़ उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए हाथ हिला रही थी।
बयान
पुतिन को दी गई थी सीधी चुनौती- अमेरिकी विदेश मंत्री
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि वागनर समूह का विद्रोह पुतिन के लिए एक सीधी चुनौती था, जो एक बड़ा सवाल उठाता है।
उन्होंने कहा, "हम अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि यह कहां तक जाने वाला है, लेकिन पुतिन को आने वाले हफ्तों और महीनों में कई जवाब देने होंगे।"
बतौर रिपोर्ट्स, अमेरिका को कुछ दिन पहले खुफिया जानकारी मिली थी कि प्रिगोजिन रूसी सेना के खिलाफ बगावत करने की साजिश रच रहा है।
मामला
रूस में क्यों हुई थी बगावत?
प्रिगोजिन ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन युद्ध के बीच वागनर समूह के प्रशिक्षण कैंप पर रूसी सेना के आदेश पर मिसाइलों से हमले किए गए थे। उन्होंने कहा था कि इन हमलों में उसके कई सैनिक मारे गए और रूस की सेना वागनर समूह को तबाह करना चाहती है।
इसके बाद उन्होंने बगावत का ऐलान करते हुए यूक्रेन से लगी हुई रूस की सीमा में प्रवेश कर लिया था और रोस्तोव शहर पर कब्जा कर लिया था।