कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में बेअसर हैं मास्क, अध्ययन के जरिए किया गया दावा
कोविड महामारी को करीब तीन साल बीत जाने के बाद सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मास्क कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में बेअसर हैं। यूनाइटेड किंगडम (UK) की रिसर्च कंपनी क्रोकेन रिव्यू ने इस बात का अध्ययन किया था कि क्या मास्क किसी श्वसन संबंधी वायरस के फैलने की गति को कम करते हैं। गौरतलब है कि महामारी की शुरुआत के बाद दुनियाभर के कई देशों में मास्क अनिवार्य किया गया था।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
क्रोकेन की रिपोर्ट में पाया गया कि कोविड पीड़ितों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों समेत अन्य फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए अनिवार्य मेडिकल मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 मास्क से संक्रमण से बचाव पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। इस रिपोर्ट में कोक्रेन द्वारा किए गए पिछले 67 अध्ययनों में 11 नए अध्ययन जोड़े गए। छह नए अध्ययन महामारी के दौरान किए गए थे, जिनमें विभिन्न देशों के करीब 6.1 लाख लोगों ने हिस्सा लिया।
सभी के लिए मास्क अनिवार्य करना ठीक नहीं- रिपोर्ट
क्रोकेन ने अपनी पिछली रिपोर्ट में कहा कि पूरी आबादी में किसी भी श्वसन संबंधी रोग के खिलाफ मास्क अनिवार्य करना ठीक नहीं है। हालांकि, रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि सामने आए निष्कर्षों का यह मतलब नहीं है कि मास्क वायरस के खिलाफ बिल्कुल भी प्रभावी नहीं हैं। गौरतलब है कि नवंबर, 2020 में प्रकाशित कोक्रेन के पिछले संस्करण में कोविड महामारी को लेकर यह अध्ययन शामिल नहीं था।
अमेरिका के CDC ने बदली थी अपनी राय
बता दें कि अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने महामारी के शुरूआती दौर में यह दावा किया था कि फेस मास्क लगाना जरूरी नहीं है। हालांकि, CDC ने अप्रैल, 2020 में लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी थी। CDC के निदेशक डॉ रॉबर्ट रेडफील्ड ने सितंबर में कहा था कि महामारी के खिलाफ फेस मास्क सबसे जरूरी और शक्तिशाली मेडिकल हथियार है, जिसके बाद कई लोगों ने अनिवार्य रूप से मास्क पहनना शुरू कर दिया था।
दुनिया में क्या है महामारी की स्थिति?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 75.61 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 68.41 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 10.14 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 11.03 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद चीन दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है, जहां करीब 9.88 करोड़ मामले मिले हैं। तीसरे सबसे अधिक प्रभावित देश भारत में लगभग 4.46 करोड़ संक्रमित मिले हैं।