कनाडा: पील पुलिस ने ब्रैम्पटन मंदिर विवाद के वीडियो में दिखे पुलिस अधिकारी को दोषमुक्त किया
कनाडा में पील पुलिस ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में कथित खालिस्तानी हमले के वीडियो में प्रदर्शनकारियों के साथ नजर आए एक पुलिस अधिकारी को गुरुवार को दोषमुक्त कर दिया है। पुलिस का कहना है कि वीडियो में नजर आए पुलिस अधिकारी ने अपने कर्तव्यों के तहत ही कार्रवाई की थी। वह एक प्रदर्शनकारी से उससे हथियार लेने का प्रयास कर रहे थे। उस दौरान उनकी जायज गतिविधि को वीडियो में संदिग्ध दिखाया गया है।
पील पुलिस ने क्या जारी किया बयान?
पील पुलिस ने समाचार विज्ञप्ति में कहा, "विरोध प्रदर्शन के दौरान तनाव बढ़ने और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा बनने की स्थिति में पुलिस उन सभी वस्तुओं को जब्त करने का निर्णय किया था, जिनका उपयोग हथियार के रूप में किया जा सकता था।" पुलिस ने कहा, "वीडियो में यह नहीं दिखाया गया कि अधिकारी एक प्रदर्शनकारी की पहचान कर रहा था, ताकि उसके हाथ में मौजूद हथियार को जब्त किया जा सके। उस गतिविधि को दूसरी तरह पेश किया है।"
कैमरे में कैद बातचीत से सामने आई सच्चाई
पुलिस ने बताया कि पुलिस अधिकारी के प्रदर्शनकारी से हथियार लेने का प्रयास करने वह भीड़ में चला जाता है और दूसरों के साथ मिलकर अधिकारी का शारीरिक रूप से विरोध शुरू कर देता है। अधिकारी के शरीर पर लगे कैमरे में कैद हुई बातचीत से इस सच्चाई का खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि हमने पुलिस अधिकारी के आचरण के बारे में सभी शिकायतों को गंभीरता लिया है और उसकी जांच के बाद दोषमुक्त किया है।
क्या है पूरा मामला?
खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने 4 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर पर हमला कर लोगों से मारपीट की थी। उस घटना में प्रदर्शनकारियों ने महिला और बच्चों को भी निशाना बनाया था। इस घटना का भारत ने पुरजोर विरोध किया था। घटना के वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को एक व्यक्ति पर मुक्का मारते दिखाया गया था। उसके बाद उसके खालिस्तानियों के साथ मिले होने का शक हुआ था। इस पर पुलिस ने मामले की जांच की थी।