कोरोना वायरस: ब्राजील में पहली बार एक लाख से अधिक दैनिक मामले, 2,777 लोगों की मौत
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी से दूसरे सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। गुरूवार को यहां महामारी की शुरूआत के बाद पहली बार एक लाख से अधिक नए मामले सामने आए।
इसके अलावा मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है और देश में कोरोना की वजह से तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
खराब होती स्थिति के कारण राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो की मुसीबतें भी बढ़ती जा रही हैं।
आंकड़े
एक दिन में एक लाख मामले दर्ज करने वाला दूसरा देश बना ब्राजील
ब्राजीली स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरूवार को देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,00,158 नए मामले सामने आए जो अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक नए मामले हैं।
इसी के साथ वह यह अनचाहा रिकॉर्ड बनाने वाला दूसरा देश बन गया और उसके अलावा केवल अमेरिका में ही एक दिन में एक लाख मामले सामने आए हैं।
भारत इस आंकड़े के करीब पहुंचा था, लेकिन 97,000 दैनिक मामलों के चरम के बाद मामले कम होने लगे।
मौतें
ब्राजील में मौत का आंकड़ा भी तीन लाख पार
ब्राजील में गुरूवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 2,777 लोगों की मौत भी हुई।
देश में पिछले कुछ समय से रोजाना लगभग 3,000 लोगों की मौत हो रही है और बुधवार को ही यहां कुल मौतों की संख्या ने तीन लाख के दुर्भाग्यपूर्ण आंकड़े को पार किया था। इस मामले में भी केवल अमेरिका उससे आगे है जहां लगभग 5.50 लाख लोगों की मौत हुई है।
ब्राजील में कुल 1.23 करोड़ लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं।
कारण
नया वेरिएंट मामलों में उछाल का एक मुख्य कारण
विशेषज्ञ संक्रमितों और मौतों की बढ़ती संख्या के पीछे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट (P.1, जिसे ब्राजीली वेरिएंट भी कहा जाता है) को मुख्य वजह मान रहे हैं। यह वेरिएंट तेजी से फैलता है और उन लोगों को भी दोबारा अपनी चपेट में ले लेता है जो पहले भी संक्रमित हो चुके हैं।
इसके खिलाफ वैक्सीनों के भी कम करने की आशंका जताई जा रही है। फरवरी तक यह ब्राजील के 26 में से 21 राज्यों में फैल चुका था।
अन्य कारण
राष्ट्रपति बोलसोनारो के लापरवाह रवैये के कारण भी ब्राजील की बुरी हालत
नए वेरिएंट के अलावा वायरस को रोकने की रणनीति में लापरवाही, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग की कमी और वैक्सीनेशन की कम रफ्तार को भी ब्राजील की इस बुरी हालत के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
इन सभी समस्याओं के लिए बोलसोनारो के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार माना जा रहा है और उन पर महामारी को गंभीरता से न लेने के आरोप हैं। बढ़ते मामलों के साथ-साथ उनके लिए राजनीतिक संकट भी बढ़ता जा रहा है।
विवादित रुख
इन वजहों से बोलसोनारो को ठहराया जा रहा जिम्मेदार
बोलसोनारो कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने जैसे नियमों का विरोध कर चुके हैं। इसके अलावा वह लॉकडाउन के भी विरोधी हैं और उन्होंने कई ऐसे नियम बनाए हैं जिनके कारण राज्य सरकारों के लिए अपने यहां लॉकडाउन लागू करना मुश्किल हो गया है।
वह वैक्सीन को लेकर भी अजीब बयान दे चुके हैं और फाइजर वैक्सीन के बारे में उन्होंने कहा था कि यह लोगों को मगरमच्छ में बदल सकती है।