क्या है टीपू सुल्तान की तलवार की खासियत, जिसकी 140 करोड़ रुपये में हुई नीलामी?
18वीं सदी में भारत की मैसूर रियासत के शासक रहे टीपू सुल्तान की बेडचेंबर तलवार बीते मंगलवार यानी 23 मई को लंदन में बोनहम्स की नीलामी में लगभग 140 करोड़ रुपये की बिकी। बेशकीमती होने के साथ-साथ इस तलवार ने भारतीय इतिहास में अहम भूमिका निभाई है। आइए आज हम आपको करोड़ों में बिकी इस तलवार से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं, जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
अंग्रेजों ने चुरा ली थी टीपू की यह तलवार
टीपू सुल्तान ने अपनी तलवारों के दम पर अंग्रेजों की दिमाग ठिकाने लगा दिया था। हालांकि, जब एक युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी ने टीपू सुल्तान की सेना को हरा दिया था तो अंग्रेजों ने तुरंत उनके श्रीरंगपट्टनम वाले महल से इस तलवार को चुरा लिया था और उस युद्ध में टीपू की मौत भी हो गई थी। तब से यह तलवार लंदन के मशहूर 'साइंस म्यूजियम' में थी। वहां टीपू के कई अन्य हथियार भी मौजूद हैं।
कभी विजय माल्या के पास थी यह प्राचीन तलवार
शायद कई लोग इस बात से वाकिफ नहीं होंगे कि इंग्लैंड में कुछ साल पहले टीपू के कई बेशकीमती हथियारों के साथ उनके कई अनोखे हथियारों को भी नीलाम किया गया था। इस दौरान शराब कारोबारी और भगोड़े विजय माल्या ने टीपू की प्राचीन तलवार को 1.5 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा था। हालांकि, बाद में माल्या इतने कर्जे में डूब गया था कि उसने इस तलवार को बेच दिया था। उसके बाद यह दोबारा नीलामी का हिस्सा बनी।
कुछ इस तरह की है तलवार की बनावट
टीपू की कई तलवारों के मूठ पर बाघ का सिर बना हुआ है, लेकिन हाल ही में नीलाम हुई उनकी यह तलवार बाकियों से थोड़ी अलग है। तलवार में एक गोलाकार डिस्क पॉमेल, ओवल ग्रिप, छोटे पोर गार्ड, शॉर्ट क्विलिंग्स और छोटे लैंगेट्स हैं, जो फ्लोरल डिजाइन में सोने से बने हैं। स्टील ब्लेड पर टीपू सुल्तान और उनकी राजधानी श्रीरंगपट्टनम के नाम के साथ पवित्र कुरान की आयतें लिखी हुई हैं।
बहुत अनोखी है यह तलवार- नीमा सागरची
बोन्हाम्स में इस्लामी और भारतीय कला के समूह प्रमुख नीमा सागरची ने कहा, "तलवार का एक असाधारण इतिहास, एक आश्चर्यजनक उद्गम और बेजोड़ शिल्प कौशल है। अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में हारने के बाद मैसूर शासक टीपू सुल्तान के शयनकक्ष से ब्रिटिश सैनिकों द्वारा यह वस्तु प्राप्त की गई थी। इसे 4 मई, 1799 को श्रीरंगपटम में मैसूर शेर के महल से उठाया गया था। ब्लेड पर "शासक की तलवार" शब्दों को भी उकेरा गया है।"