बेंगलुरू में आज 'जीरो शैडो डे', नहीं दिखेगी किसी भी चीज की परछाई
'जीरो शैडो डे' एक ऐसा दिन होता है, जब कुछ समय के लिए किसी भी चीज की परछाई दिखाई नहीं देती। यह एक विशेष खगोलीय घटना है, जो साल में दो बार होती है। बेंगलुरू में आज यानी 18 अगस्त को यह दुर्लभ खगोलीय घटना घटने वाली है। यह घटना दोपहर 12:24 बजे पर होगी। इस दौरान कुछ समय के लिए शहर में किसी भी चीज की परछाई नहीं दिखेगी।
क्या है जीरो शैडो डे?
एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) के मुताबिक, इस खगोलीय घटना पर सूर्य कुछ समय किसी भी वस्तु की परछाई नहीं बनाता। इस समय सूर्य आसमान में अपने उच्चतम बिंदु पर होता है, जिसके चलते यह घटना होती है। यह साल में 2 बार ट्रॉपिक्स (कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच) की जगह पर पड़ता है। इन जगहों पर रहने वाले लोगों के लिए सूर्य का झुकाव उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों के दौरान उनके अक्षांश के बराबर होता है।
किस वजह से होता है जीरो शैडो डे?
इसका कारण है कि पृथ्वी की धुरी सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के तल पर 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है, जिसके कारण मौसम बदलते हैं। जीरो शैडो डे पर सूर्य दिन के अपने उच्चतम बिंदु पर खगोलीय भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण से भूमध्य रेखा (उत्तरायण) के 23.5 डिग्री उत्तर की ओर जाएगा और एक वर्ष में फिर से (दक्षिणायन) वापस आ जाएगा। इस तरह से यह घटना साल में 2 बार होती है।
इस घटना की अवधि कितनी होती है?
यह अनोखी खगोलीय घटना कुछ सेकंड के लिए ही होती है, लेकिन इसका प्रभाव करीब 1-2 मिनट तक रहने की संभावना होती है। बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद में जीरो शैडो डे का अनुभव किया जाता है।
पहले भी हो चुकी है यह घटना
बेंगलुरू में 25 अप्रैल को दोपहर करीब 12:17 बजे इस घटना का अनुभव किया गया था। उस दौरान यहां कोरमंगला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने अपने परिसर में घटना को प्रदर्शित करने के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था। इसके अलावा, 15 मई को मुंबई के लोगों ने भी इस घटना का अनुभव किया था। उस दौरान लोगों ने बिना परछाई वाली वस्तुओं और लोगों की तस्वीरें लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी की थी।