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कबड्डी के हीरो: चोट के डर से छोड़ रहे थे कबड्डी, आज हैं पोस्टर ब्वॉय

कबड्डी के हीरो: चोट के डर से छोड़ रहे थे कबड्डी, आज हैं पोस्टर ब्वॉय

लेखन Neeraj Pandey
Aug 28, 2019
03:29 pm

क्या है खबर?

प्रो कबड्डी लीग ने इंडिया में कबड्डी खिलाड़ियों की स्थिति को सुधारने का काम किया है। उत्तर प्रदेश से क्रिकेट में तो कई बड़े खिलाड़ी निकले हैं लेकिन कबड्डी में भी उत्तर प्रदेश का एक शेर मैट पर दहाड़ रहा है। प्रो कबड्डी इतिहास में दूसरे सबसे ज़्यादा प्वाइंट हासिल करने वाले राहुल चौधरी लीग के पोस्टर ब्वॉय हैं। जानें कैसे राहुल ने खुद को लीग का पोस्टर ब्वॉय बनाया।

बचपन

यूपी के बिजनौर जिले में जन्में थे राहुल

राहुल का जन्म 16 जून, 1993 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के जलालपुर नामक गांव में हुआ था। बचपन में राहुल डिफेंडर के तौर पर कबड्डी खेलते थे, लेकिन फिर उन्हें समझ आया कि ज़्यादा महत्व रेडर का होता है। हालांकि, उन्हें प्रोफेशनल कबड्डी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें बस इतना ही पता था कि सामने वाली टीम के खिलाड़ी को छूकर भागने पर एक अंक मिलता है।

बदलाव

कबड्डी छोड़कर क्रिकेट खेलने लगे थे राहुल

राहुल ने गांव में ही कबड्डी खेली थी और उन्हें इसके नियम-कायदे नहीं पता थे। जब वे पहली बार कबड्डी टूर्नामेंट खेलने सीतापुर पहुंचे तो उत्तर प्रदेश की गोल्ड मेडलिस्ट टीम से उनका सामना हुआ। पहली रेड में ही राहुल को विपक्षियों ने पटक दिया, जिसके बाद राहुल ने चोट के डर से कबड्डी छोड़ने का मन बना लिया। गांव आकर राहुल क्रिकेट खेलने लगे थे क्योंकि उन्हें लगता था कि कबड्डी में गहरी चोट लग सकती है।

चाहत

सेना में जाने का था जुनून

राहुल के मुताबिक उनके गांव में युवाओं के बस दो ही शौक होते थे। पहला कबड्डी खेलना और दूसरा सेना में भर्ती होना। लगभग एक साल तक राहुल ने भी आर्मी में जाने के लिए भरपूर तैयारी की और रोजाना स्टेडियम जाकर दौड़ना शुरू किया। 6 फीट लंबे राहुल शारीरिक तौर पर काफी फिट हैं, लेकिन उस समय उनका वजन काफी कम था। इसी वजह से वो सेना में नहीं जा पाए। बाद में कबड्डी ने उनका जीवन बदल दिया।

ख्याति

बचपन से ही बड़ा नाम कमाने का था शौक

लगभग सभी चाहते हैं कि उनका नाम बड़ा हो, लोग उन्हें जानें और उन्हें खूब सारी ख्याति मिले। राहुल का भी बचपन से ही सपना था कि वो बहुत बड़े आदमी बनें लेकिन उन्हें अपना लक्ष्य नहीं पता था। उन्हें बस नाम कमाना था। चाहे वो पढ़ाई करके हो या फिर किसी खेल के द्वारा। धीरे-धीरे राहुल को समझ आया कि उनका सपना कबड्डी ही पूरा कर सकती है तो उन्होंने अपना पूरा ध्यान कबड्डी में लगा दिया।

जानकारी

भारत के लिए कबड्डी वर्ल्ड जीत चुके हैं राहुल

राहुल 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। साउथ एशियन गेम्स 2016 और एशियन कबड्डी चैंपियनशिप 2017 में भी राहुल भारत के लिए खेल चुके हैं। 2018 में एशियन गेम्स तथा दुबई कबड्डी मास्टर्स में भी राहुल ने हिस्सा लिया था।

तेलुगू टाइटंस

तेलुगु टाइटंस के लिए खेले लगातार छह सीजन

राहुल को 2014 में तेलुगु टाइटंस ने खरीदा था। पहले सीजन से लेकर छठे सीजन तक राहुल एक ही टीम में बने हुए थे। प्रो कबड्डी इतिहास में 400 से ज़्यादा रेड अंक बनाने वाले राहुल पहले रेडर बने थे। टाइटंस के लिए राहुल ने 100 मैचों में 876 प्वाइंट हासिल किए थे जिसमें 36 सुपर टेन शामिल थे। राहुल को 'रेड मशीन' के नाम से भी जाना जाता है।

जानकारी

इस सीजन थलाइवाज के लिए खेल रहे हैं राहुल

राहुल को सातवें सीजन से पहले टाइटंस ने रिलीज कर दिया था। सातवें सीजन के लिए राहुल को तमिल थलाइवाज ने 94 लाख रुपये की कीमत में खरीदा था। थलाइवाज के लिए राहुल अब तक 10 मैचों में 69 प्वाइंट हासिल कर चुके हैं।

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2018 एशियाई खेलों के दौरान की राहुल की फोटो