ISRO सार्वजनिक करेगा 30 वर्षों का रिमोट सेंसिंग डाटा, खोज में होगा मददगार
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर 23 अगस्त को 30 वर्षों से अधिक के अपने रिमोट सेंसिंग डाटा को आम जनता के लिए जारी करने की योजना बनाई है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTI) और ISpA द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, "हमारे पास 30 से अधिक वर्षों का डाटा उपलब्ध है, जो संग्रहीत है। हम इस डाटा को जनता के लिए उपलब्ध कराना चाहेंगे।"
डाटा
भविष्य के डाटा भी होंगे उपलब्ध
ISRO प्रमुख ने यह भी जानकारी दी है कि पिछले 30 वर्षों के डाटा के साथ-साथ ISRO भविष्य में भी अपने सैटेलाइट और अलग-अलग अंतरिक्ष मिशन के तहत एकत्रित किए गए डाटा को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराता रहेगा।
सोमनाथ ने यह भी कहा है कि लोग इस डाटा को मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं और 5 मीटर तक के रेजोल्यूशन पर सभी रिमोट सेंसिंग डाटा का उपयोग कर सकते हैं।
फायदा
डाटा का क्या होगा फायदा?
कैप्चर किए गए डाटा की सावधानीपूर्वक जांच से पर्यावरण की स्थिति, भूमि का उपयोग कैसे किया जा रहा है, खनिज या जल जमाव और चल रही घटनाओं सहित कई तरह की जानकारियां मिल सकती हैं।
ऐसे में डाटा सार्वजनिक करने का ISRO का कदम अंतरिक्ष के व्यावसायीकरण को बढ़ावा दे सकता है और वैज्ञानिकों को ग्रह को बेहतर ढंग से समझने की अनुमति भी दे सकता है, जो भविष्य में कई वर्षों तक खोज में मददगार होगा।