अमेरिका ने दशकों बाद फिर बढ़ाए चंद्रमा की तरफ कदम, चांद मिशन किया लॉन्च
अमेरिका ने दशकों बाद एक बार फिर चांद की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। सोमवार को एक प्राइवेट कंपनी द्वारा बनाया गया वल्कन सेंटोर रॉकेट चांद पर लैंड करने वाले एक निजी लैंडर को लेकर फ्लोरिडा से उड़ान भर चुका है। इस रॉकेट को विमान और हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनियों बोइंग और लॉकहीड मार्टिन के ज्वाइंट वेंचर यूनाइटेड लॉन्च एलायंस ने तैयार किया है। 1972 के अपोलो-17 मिशन के बाद यह अमेरिका का पहला चांद मिशन है।
चांद पर पानी और गैस तलाशेगा लैंडर
इस रॉकेट के जरिये पेरेग्रन 1 लैंडर को भेजा गया है। इसे पीट्सबर्ग स्थित निजी कंपनी एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने तैयार किया है। इसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 6 पेलोड्स भेजे गए हैं, जो चांद की सतह पर पानी और गैसों की तलाश करेंगे। इन पेलोड्स को ले जाने के लिए नासा ने एस्ट्रोबोटिक को लगभग 900 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इस लैंडर को चांद पर 'बे ऑफ स्टीकनेस' और साइनस विस्कोसिटेटीज नामक जगह पर उतारा जाएगा।
23 फरवरी को चांद पर पहुंचेगा लैंडर
यह लैंडर 23 फरवरी को चांद की सतह पर पहुंचेगा। यह इसलिए भी खास है क्योंकि यह अमेरिका का पहला निजी मिशन है, जो चांद पर उतरने का प्रयास करेगा। बता दें कि पिछले कुछ समय से चांद पर पहुंचने की दौड़ तेज हुई है। पिछले साल अगस्त में भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना लैंडर उतारा था। रूस का एक ऐसा ही मिशन असफल हो गया था। जापान ने भी ऐसा मिशन लॉन्च किया था।