
UK बना रहा विशेष टूल, संभावित हत्यारों की हो सकेगी पहचान
क्या है खबर?
यूनाइटेड किंगडम (UK) का न्याय मंत्रालय एक ऐसा एल्गोरिदम विकसित कर रहा है, जो संभावित हत्यारों की पहचान कर सके।
इस परियोजना को 'हत्या की भविष्यवाणी करने वाली परियोजना' कहा गया है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, यह उपकरण पुलिस बलों के डाटा पर आधारित है, जिसमें पीड़ितों, गवाहों और संदिग्धों की जानकारी भी शामिल है।
स्टेटवॉच नामक एक संस्था ने सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम के जरिए इस गुप्त परियोजना का खुलासा किया है।
काम
कैसे करता है यह एल्गोरिदम काम?
स्टेटवॉच के अनुसार, यह एल्गोरिदम 1 लाख से 5 लाख लोगों के रिकॉर्ड पर आधारित है। इसमें मानसिक स्वास्थ्य, आत्महत्या और विकलांगता जैसे संवेदनशील डाटा शामिल हैं।
शोधकर्ता सोफिया लायल ने चेताया कि ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम अक्सर गलत साबित होते हैं और नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।
उनका कहना है कि पुलिस और गृह मंत्रालय जैसे संस्थानों का डाटा उपयोग करना आपराधिक न्याय व्यवस्था की गहराई में मौजूद पक्षपात को और मजबूत करता है।
पक्ष
सरकार का पक्ष और AI की आलोचना
न्याय मंत्रालय ने सफाई दी कि यह परियोजना फिलहाल केवल शोध के उद्देश्य से चलाई जा रही है और इसका मकसद प्रोबेशन पर मौजूद लोगों द्वारा गंभीर हिंसा की आशंका को समझना है।
मंत्रालय ने बताया कि यह डाटा जेल, प्रोबेशन सेवा और पुलिस बलों से लिया गया है।
हालांकि, इतिहास में AI टूल्स जैसे शॉटस्पॉटर और पुलिस रिपोर्टिंग तकनीकों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं, जिनसे नागरिकों की निजता को खतरा रहा है।