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न्यूजीलैंड से पहले ये देश टिक-टॉक पर लगा चुके हैं प्रतिबंध
टिकटॉक को लेकर साइबर सुरक्षा की चिंता बढ़ती जा रही है (तस्वीर: अनस्प्लैश)

न्यूजीलैंड से पहले ये देश टिक-टॉक पर लगा चुके हैं प्रतिबंध

Mar 17, 2023
07:04 pm

क्या है खबर?

यूनाइटेड किंगडम (UK) के बाद न्यूजीलैंड ने भी साइबर सुरक्षा चिंताओं के कारण सरकारी उपकरणों पर टिक-टॉक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। न्यूजीलैंड इस महीने के अंत तक टिक-टॉक को संसद के नेटवर्क तक पहुंच वाले सभी उपकरणों पर प्रतिबंधित कर देगा। टिक-टॉक पर लगातार लग रहे प्रतिबंधों के बीच चीन ने अमेरिका पर टिक-टॉक के संभावित सुरक्षा जोखिमों के बारे में गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है।

वजह

टिक-टॉक को लेकर क्यों जताई जा रही साइबर सुरक्षा की चिंता?

अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के अनुसार टिक-टॉक की मूल कंपनी बाइटडांस ऐप यूजर्स की बायोमेट्रिक पहचान, लोकेशन और ब्राउजिंग हिस्ट्री जैसे डाटा को चीनी सरकार के साथ साझा करती है। चीन ने 2017 में एक कानून लागू किया था, जिसके तहत चीनी कंपनियों को देश की सुरक्षा से संबंधित कोई भी व्यक्तिगत डाटा अनिवार्य तौर पर सरकार के साथ साझा करना होता है। यही कारण है कि टिक-टॉक को लेकर साइबर सुरक्षा की चिंता बढ़ती जा रही है।

प्रतिबंध

ये देश टिक-टॉक पर लगा चुके हैं प्रतिबंध

न्यूजीलैंड और UK के पहले भारत सरकार ने निजता और सुरक्षा चिंताओं को लेकर टिक-टॉक समेत दर्जनभर चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। कनाडा ने भी अपने सरकारी अधिकारियों से टिक-टॉक ऐप का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। ताइवान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने भी टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त यूरोपीय संसद, यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ परिषद ने कर्मचारियों के उपकरणों पर टिक-टॉक के इस्तेमाल पर पाबंदी है।