दुनियाभर में हजारों माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स के अकाउंट हैक, चीन के हैकर्स पर आरोप
माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के लोकप्रिय बिजनेस ईमेल सॉफ्टवेयर पर बड़ा साइबर अटैक होने की बात सामने आई है। सॉफ्टवेयर कंपनी पर हुए अटैक को ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी क्राइसिस माना गया है और हैकर्स ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद हजारों यूजर्स को शिकार बनाया है। अटैक का शिकार बने यूजर्स के अकाउंट से छेड़छाड़ के अलावा उनपर डाटा चोरी का खतरा भी मंडरा रहा है। चीन सरकार से जुड़े हैकर्स ग्रुप पर ऐसा करने का आरोप लग रहा है।
चाइनीज सरकार से जुड़े हैकिंग ग्रुप का हाथ
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि हैकिंग अटैक चाइनीज सरकार समर्थित हैकिंग ग्रुप की ओर से शुरू किया गया और अब तक दुनियाभर में कम से कम 60,000 यूजर्स इसका शिकार बने हैं। अटैकर्स ने जिन अकाउंट्स को हैकिंग का शिकार बनाया, उनमें ज्यादातर छोटे और मीडियम साइज के बिजनेस शामिल हैं। कस्टमर सिक्योरिटी मॉनीटर करने वाली फर्म हंट्रेस के मुताबिक, बैंक्स, इलेक्ट्रिसिटी प्रोवाइडर्स, सीनियर सिटिजन होम्स से लेकर आइसक्रीम कंपनियां तक हैकिंग का शिकार बनीं।
एकसाथ हजारों यूजर्स को बनाया निशाना
एक अमेरिकी साइबरसिक्योरिटी कंपनी ने बताया कि इसके एक्सपर्ट्स कम से कम 50 विक्टिम्स के साथ मिलकर काम कर रहे थे, जिससे पता लगाया जा सके कि हैकर्स ने कितना डाटा चुराया होगा। अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े ऑफिसर्स के लिए भी यह अटैक चिंताजनक बन गया क्योंकि बेहद कम वक्त में हैकर्स ने हजारों कस्टमर्स को निशाना बनाया। अमेरिकी सरकार खुद इस अटैक से जुड़े खतरे को काबू करने में लगी है और मामले की जांच कर रही है।
कई महीनों से ऐक्टिव था हैकर्स ग्रुप
वर्जीनिया बेस्ड सिक्योरिटी फर्म वोलेक्सिटी (Volexity) के हेड स्टीव एडियार ने कहा कि हाफ्नियम (Hafnium) नाम का चाइनीज हैकिंग ग्रुप माइक्रोसॉफ्ट के एक्सचेंज ईमेल सॉफ्टवेयर की मदद से कई महीनों से सरकारी और प्राइवेट कंप्यूटर नेटवर्क्स को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। स्टीव की साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने उन कमियों का पता लगाने में माइक्रोसॉफ्ट की मदद की, जिनका फायदा हैकर्स को मिल रहा था और इन्हें फिक्स कर दिया गया है।
इससे पहले रूस के हैकर्स ने किया था अटैक
माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स को नुकसान पहुंचने की बात तब सामने आ रही है, जब कुछ महीने पहले ही रूस के हैकर्स ने नौ फेडरल एजेंसियों और कम से कम 100 कंपनियों को अपना शिकार बनाया था। रशियन हैकर्स ने इसके लिए IT मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी सोलारविंड्स के अपडेट्स का इस्तेमाल किया था। दुनियाभर के साइबरसिक्योरिटी एक्सपर्ट्स इतने बड़े स्तर पर होने वाले अटैक्स को लेकर चिंतित और परेशान हैं।
चीन ने सिरे से नकार दिए आरोप
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से चीन सरकार समर्थित हैकिंग ग्रुप का नाम लिए जाने के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय से जुड़े एक स्पोक्सपर्सन ने कहा कि देश किसी भी तरह के साइबर अटैक और साइबर चोरी का विरोध करता है। आरोपों क जवाब में उन्होंने कहा कि किसी एक देश पर हैकिंग का आरोप लगाना 'पूरी तरह राजनीतिक' मामला है। वहीं, अटैकर्स को नेटवर्क से बाहर निकालने के लिए अब पूरे सिस्टम को रिव्यू करना जरूरी हो गया है।
भारतीय कंपनियां भी विदेशी हैकर्स के निशाने पर
चीन, रूस और नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने बीते दिनों भारत की कई कंपनियों पर भी हैकिंग अटैक किया है। एक चाइनीज ग्रुप ने भारत के पावर सेक्टर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की और कई अक्टूबर, 2020 में कई घंटे के लिए मुंबई की बिजली गुल करने के लिए जिम्मेदार रहा। इसी तरह दूसरे विदेशी हैकर्स ग्रुप्स ने भारत में कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहीं फर्म्स के डेटाबेस में सेंध लगाने की कोशिश की।