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    रेडिट का विरोध बढ़ा, ब्लैकआउट तक पहुंचा मामला; जानें क्या है पूरा विवाद
    रेडिट का विरोध आंदोलन अब ब्लैक आउट तक पहुंच गया (तस्वीर: अनस्प्लैश)

    रेडिट का विरोध बढ़ा, ब्लैकआउट तक पहुंचा मामला; जानें क्या है पूरा विवाद

    लेखन रजनीश
    Jun 12, 2023
    06:39 pm

    क्या है खबर?

    रेडिट के विवादित एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) बदलावों पर रेडिट समुदाय ने व्यापक विरोध शुरू कर दिया है।

    हजारों सबरेडिट्स 'डार्क' में चले गए हैं और अपने कम्युनिटी को प्राइवेट पर सेट कर रहे हैं। अपने कंटेंट को ऐसे लोगों की पहुंच से दूर कर रहे हैं, जिन्होंने उन्हें पहले से सब्सक्राइब नहीं किया है।

    जान लेते हैं रेडिट से जुड़ा विवाद क्या है और रेडिट यूजर्स की मांग क्या है।

    आंदोलन

    रेडिट CEO के AMA के बाद बढ़ा आंदोलन 

    रेडिट के CEO स्टीव हफमैन के यूजर्स के साथ आस्क मी एनिथिंग (AMA) के बाद बीते कुछ दिनों में यह आंदोलन काफी बढ़ गया है।

    रेडिट के फैसले से पहले से ही नाराज सबरेडिट्स को AMA में CEO के जवाब में गुस्सा प्रतीत होने से वो और नाराज हो गए।

    पिछले हफ्ते तक विरोध में लगभग 3,000 सबरेडिट्स शामिल थे। विरोध पर नजर रखने वाली एक वेबसाइट के अनुसार, सोमवार तक संख्या 6,200 से अधिक कम्युनिटी तक पहुंच गई।

    सबरेडिट्स

    "अनिश्चित काल" विरोध की योजना में कई सबरेडिट्स

    विरोध में भाग लेने वाले सबरेडिट्स ने यूजर्स को संदेश पोस्ट किया है कि वे कंपनी के API बदलावों का विरोध कर रहे हैं।

    अधिकांश ने 48 घंटे के ब्लैकआउट की बात कही है, लेकिन लगभग 60 सबरेडिट्स का कहना है कि यदि कंपनी अपने बदलावों को वापस नहीं लेती है तब वे "अनिश्चित काल" तक विरोध करने की योजना बना रहे हैं।

    अगर ऐसा रहा तो इसके परिणामस्वरूप लोकप्रिय थर्ड पार्टी ऐप RIF और अपोलो बंद हो जाएंगी।

    आग्रह

    रेडिट द्वारा संवाद की कमी से बड़ा हो गया आंदोलन

    कई सबरेडिट्स यूजर्स से रेडिट को बिल्कुल भी ब्राउज न करने का आग्रह कर रहे हैं। कुछ सबरेडिट्स ने ग्राहकों को रेडिट से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिस्कॉर्ड सर्वर भी स्थापित किए हैं।

    लोकप्रिय सबरेडिट्स जैसे r/म्यूजिक, r/फनी आदि भी विरोध में शामिल हैं। इनके लाखों में फॉलोअर्स हैं। इनके अलावा हजारों अन्य सबरेडिट्स भी विरोध में शामिल हैं।

    विरोध बड़ा होने के पीछे रेडिट द्वारा सबरेडिट्स से संवाद की कमी को भी कारण माना गया।

    चार्ज

    अप्रैल में लिया था API चार्ज बढ़ाने का फैसला

    रेडिट ने अप्रैल में थर्ड पार्टी ऐप्स से API एक्सेस के लिए चार्ज लेने का फैसला लिया।

    API के एक्सेस से थर्ड पार्टी ऐप्स को उन यूजर्स के लिए एक वैकल्पिक रेडिट ऐप्स चलाने की अनुमति मिल जाती है जो ऑफिशियल ऐप को पसंद नहीं करते हैं।

    रेडिट के अनुसार, इसे काफी ज्यादा इस्तेमाल होने वाली थर्ड पार्टी ऐप को सपोर्ट जारी रखने के लिए उचित भुगतान करने की आवश्यकता है।

    जानकारी

    यूजर्स चाहते हैं कि नीति को वापस ले रेडिट

    रेडिट थर्ड पार्टी ऐप्स को जल्द ही नॉट सेफ फॉर वर्क (NFSW) कंटेंट प्रदर्शित करने से 1 जुलाई से प्रतिबंधित करेगा। रेडिट यूजर्स चाहते हैं कि कंपनी इस नीति को वापस ले।

    डेवलपर्स

    ऐप निर्माताओं की ऐप के अस्तित्व को हो सकता है खतरा

    रेडिट के इस फैसले से थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर्स और रेडिटर्स परेशान हैं।

    कई ऐप निर्माताओं ने कहा कि प्लेटफॉर्म के फैसले से उनकी ऐप्स के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।

    API एक्सेस के लिए थर्ड-पार्टी ऐप्स को चार्ज करने की रेडिट की योजना से भी यूजर्स नाराज हो गए।

    रेडिट अपने नए API मूल्य निर्धारण के तौर पर लगता है कि प्रति 5 करोड़ API रिक्वेस्ट पर लगभग 10 लाख रुपये चार्ज करने की योजना बना रही है।

    जानकारी

    अपोलो निर्माता ने कही ये बात

    अपोलो निर्माता क्रिस्टन सेलिग ने कहा कि रेडिट उनसे प्रति वर्ष 150 करोड़ रुपये से अधिक चार्ज ले सकता है, जिससे उनके लिए ऐप को जारी रखना असंभव होगा। अन्य थर्ड-पार्टी ऐप्स की तरह रेडिट को लोकप्रिय बनाने में अपोलो की भी बड़ी भूमिका रही है।

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