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न्यूरालिंक चिप से तीसरे रोगी को दोबारा मिली बातचीत की क्षमता, मस्क ने शेयर किया वीडियो
न्यूरालिंक चिप से तीसरे रोगी को मिली बातचीत की क्षमता

न्यूरालिंक चिप से तीसरे रोगी को दोबारा मिली बातचीत की क्षमता, मस्क ने शेयर किया वीडियो

Apr 28, 2025
08:53 am

क्या है खबर?

न्यूरालिंक ब्रेन चिप प्रत्यारोपण से एक और रोगी दोबारा बातचीत करने में सक्षम हो पाया है। अशाब्दिक ALS से पीड़ित ब्रैड स्मिथ न्यूरालिंक इम्प्लांट पाने वाले तीसरे व्यक्ति बने हैं। एलन मस्क ने उनकी बातचीत का वीडियो एक्स पर शेयर किया है। स्मिथ अब ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस की मदद से कंप्यूटर नियंत्रित कर पा रहे हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए अपनी पुरानी आवाज में संवाद कर रहे हैं। इससे उनकी जिंदगी में नई उम्मीद जगी है।

 कंट्रोल 

दिमाग से कंप्यूटर को कंट्रोल कर रहे हैं स्मिथ 

स्मिथ न्यूरालिंक के ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस का उपयोग कर अपने मैकबुक प्रो को सीधे अपने विचारों से कंट्रोल कर रहे हैं। इम्प्लांट उनके मोटर कॉर्टेक्स में लगाया गया है, जिससे वह कर्सर को चलाकर टाइप कर सकते हैं। इससे पहले उन्हें अंधेरे कमरे में आई गेज कंप्यूटर से काम करना पड़ता था, लेकिन अब वह रोशनी या माहौल की परवाह किए बिना कहीं भी आसानी से संवाद कर पा रहे हैं।

आशा

न्यूरालिंक से मिला स्मिथ को नया जीवन और नई आशा

स्मिथ ने कहा कि न्यूरालिंक ने उनके जीवन में चमत्कारी बदलाव किया है। उन्होंने बताया कि भगवान ने अप्रत्याशित तरीकों से उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया है। उन्होंने अपनी पत्नी टिफनी और बच्चों का आभार जताया और कहा कि कठिन हालात के बावजूद वे खुश हैं। स्मिथ ने कहा कि अब वह टेलीपैथी से कंप्यूटर को नियंत्रित कर सकते हैं और इस नई आजादी ने उन्हें फिर से जीवन का आनंद लेने का मौका दिया है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें पोस्ट

AI

AI ने दी स्मिथ को अपनी असली आवाज में बात करने की शक्ति

स्मिथ की पुरानी आवाज को न्यूरालिंक ने AI की मदद से क्लोन किया है। इससे वह अपनी आवाज में संवाद कर सकते हैं, भले ही अब वह खुद बोल नहीं पाते। स्मिथ ने न्यूरालिंक टीम के साथ मिलकर एक चैट एप्लिकेशन भी बनाया है, जो AI की मदद से तेज जवाब देने में उनकी मदद करता है। यह तकनीक उनके विचारों को पढ़कर बोलने योग्य वाक्य सुझाती है, जिससे बातचीत तेज और आसान हो गई है।

काम

न्यूरालिंक की ब्रेन चिप कैसे करती है काम?

न्यूरालिंक की ब्रेन चिप इंसान के दिमाग के मोटर कॉर्टेक्स में लगाई जाती है, जहां से वह न्यूरॉन सिग्नल पढ़ती है। चिप में 1,024 बेहद पतले इलेक्ट्रोड होते हैं, जो दिमाग की गतिविधियों को पकड़ते हैं। ये सिग्नल ब्लूटूथ के जरिए कंप्यूटर या डिवाइस तक भेजे जाते हैं। इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इन सिग्नलों को कमांड में बदलता है, जिससे मरीज अपने विचारों से कर्सर चला सकता है और संवाद कर सकता है।