
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर क्यों तत्काल नहीं लागू होगा अमेरिका का नया टैरिफ?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत की सभी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में हलचल मच गई है। हालांकि, स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे उत्पादों को अभी तत्काल प्रभाव से टैरिफ का सामना नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल इन वस्तुओं पर पुराने 10 प्रतिशत शुल्क ही लागू हैं, क्योंकि इन्हें धारा-232 के तहत समीक्षा के लिए रखा गया है और उस पर निर्णय 2 हफ्तों के भीतर आने की संभावना है।
प्रभाव
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर क्या पड़ेगा टैरिफ का प्रभाव?
अगर प्रस्तावित 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होता है, तो भारत से अमेरिका को आईफोन निर्यात करने की ऐपल की योजनाओं को बड़ा झटका लगेगा। ऐपल भारत में फॉक्सकॉन और टाटा के जरिए आईफोन मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ा रहा है और 2025 तक 6 करोड़ यूनिट्स बनाने का लक्ष्य रखता है। हालांकि, बढ़ा हुआ टैरिफ लागत बढ़ाएगा, जिससे या तो कीमतें बढ़ेंगी या ऐपल को अन्य रणनीति अपनानी होगी। इससे भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनने का सपना प्रभावित हो सकता है।
रणनीति
लागत, भू-राजनीति और आगे की रणनीति
ऐपल महंगे कंपोनेंट्स, खासकर 3nm चिप की बढ़ती लागत से जूझ रही है। अगर टैरिफ लागू होता है, तो कंपनी या तो लागत खुद वहन करेगी, उपभोक्ताओं पर डालेगी या नई रणनीति बनाएगी। मौजूदा वैश्विक तनावों के कारण अमेरिका-भारत व्यापार में अनिश्चितता बनी हुई है। ऐपल जैसी कंपनियां 'रुको और देखो' की नीति अपना सकती हैं। भारत से अमेरिका के लिए आईफोन आपूर्ति बनाए रखने के लिए उत्पादन का बड़ा विस्तार जरूरी है, जो अब चुनौती में आ सकता है।