नासा ने किया जलवायु विभाजन का खुलासा, कम हरियाली वाले शहरों में है सबसे अधिक गर्मी
नासा के एक अध्ययन से पता चला है कि शहरी हरियाली गर्मी के द्वीप प्रभाव को कम करने में मदद करती है, खासकर ग्लोबल साउथ के शहरों में। इन शहरों में ग्लोबल नॉर्थ के शहरों के मुकाबले कम हरियाली है, जिससे गर्मी ज्यादा होती है। गर्मी को अवशोषित करने वाली चीजें(फुटपाथ और इमारतें) शहरों को गांवों से ज्यादा गर्म बना देती हैं। अध्ययन बताता है कि इन शहरों में हरियाली बढ़ाने से गर्मी को कम किया जा सकता है।
70 प्रतिशत कम है शीतलन क्षमता
शोध में बताया गया कि ग्लोबल साउथ के शहरों में हरियाली की कमी के कारण शीतलन क्षमता ग्लोबल नॉर्थ के शहरों से 70 प्रतिशत कम है। ग्लोबल साउथ के शहरों में हरित स्थान औसतन 2.5°C तक ठंडे होते हैं, जबकि ग्लोबल नॉर्थ के शहरों में यह 3.6°C तक ठंडे होते हैं। यह अंतर गंभीर है, क्योंकि ग्लोबल साउथ के शहर अक्सर भूमध्यरेखीय क्षेत्रों के पास होते हैं, जहां जलवायु परिवर्तन से अत्यधिक गर्मी की समस्या और बढ़ सकती है।
हरियाली बढ़ाने पर देना होगा ध्यान
शोध के अनुसार, शहरी योजनाकारों को हरियाली बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, खासकर उन इलाकों में जहां गर्मी ज्यादा है। शहरों में कम वनस्पति के कारण लोग हीट स्ट्रोक जैसे जोखिमों का सामना करते हैं। हरियाली और छांव से हवा का तापमान कम हो सकता है, लेकिन ग्लोबल साउथ के शहरों में पहले ही कम शीतलन क्षमता है, जिससे इन शहरों को गर्मी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से ज्यादा नुकसान होता है।
ऐसे कम किया जा सकता है तापमान
नानजिंग विश्वविद्यालय के अध्ययन में, नासा के लैंडसैट 8 सैटेलाइट से डाटा का उपयोग कर शहरी हरियाली और तापमान में गिरावट का विश्लेषण किया गया। अध्ययन से पता चला कि कम हरियाली वाले शहरों में गर्मी से निपटने की क्षमता कम होती है। हालांकि, अधिक हरित क्षेत्र जोड़ने से तापमान को 10°C तक कम किया जा सकता है। शहरी योजनाकारों को पार्कों, पेड़ों, जल और अन्य उपायों को लागू करके शहरी गर्मी से निपटने की दिशा में काम करना चाहिए।