NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / सौर तूफान के बाद पृथ्वी के चारों ओर बना रेडिएशन बेल्ट, नासा ने लगाया पता 
    अगली खबर
    सौर तूफान के बाद पृथ्वी के चारों ओर बना रेडिएशन बेल्ट, नासा ने लगाया पता 
    पृथ्वी के चारों ओर बना रेडिएशन बेल्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर: नासा)

    सौर तूफान के बाद पृथ्वी के चारों ओर बना रेडिएशन बेल्ट, नासा ने लगाया पता 

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Feb 07, 2025
    03:52 pm

    क्या है खबर?

    नासा के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के चारों ओर 2 नए रेडिएशन बेल्ट का पता लगाया है।

    मई, 2024 में आए एक शक्तिशाली सौर तूफान के कारण ये बेल्ट बने। वैज्ञानिकों ने पाया कि इनमें से एक बेल्ट इलेक्ट्रॉनों से भरा है, जबकि दूसरा बेल्ट प्रोटॉन से भरा है, जो पहले कभी नहीं देखा गया था।

    आमतौर पर, ऐसे बेल्ट कुछ हफ्तों में खत्म हो जाते हैं, लेकिन ये 3 महीने से अधिक समय तक बने रहे, जिससे वैज्ञानिक हैरान हैं।

    खतरा

    नए रेडिएशन बेल्ट से सैटेलाइट्स को खतरा 

    नासा के अनुसार, नए रेडिएशन बेल्ट अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट्स और मिशनों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

    जून और अगस्त, 2024 में आए अन्य सौर तूफानों ने अधिकांश कणों को हटा दिया, लेकिन कुछ अभी पृथ्वी की कक्षा में मौजूद हैं।

    वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रोटॉन बेल्ट 1 साल तक बना रह सकता है, जिससे संचार और नेविगेशन सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंच सकता है। इन बेल्टों की स्थिरता और प्रभावों को समझने के लिए अध्ययन जारी है।

    चुनौती

    भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों के लिए चुनौती

    नए रेडिएशन बेल्टों की मौजूदगी अंतरिक्ष यात्रियों और भविष्य के मिशनों के लिए चुनौती बन सकती है।

    नासा और वैज्ञानिकों को इन बेल्टों की ताकत और उनके धीरे-धीरे खत्म होने की प्रक्रिया को समझना होगा। यह शोध 'जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च: स्पेस फिजिक्स' में प्रकाशित हुआ है।

    वैज्ञानिकों का मानना है कि इस जानकारी से सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और भविष्य में सौर तूफानों के प्रभावों को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    नासा
    अंतरिक्ष

    ताज़ा खबरें

    बेंगलुरु भगदड़: कर्नाटक सरकार ने मुआवजा राशि को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया कर्नाटक
    कोको गॉफ ने अपना पहला फ्रेंच ओपन खिताब जीता, फाइनल में आर्यना सबालेंका को हराया टेनिस
    बेंगलुरु भगदड़ मामले में पुलिस आयुक्त का निलंबन: क्या है IPS अधिकारी के निलंबन की प्रक्रिया? कर्नाटक
    आमिर खान की 91 साल की मां भी बॉलीवुड में आईं, 'सितारे जमीन पर' में एंट्री आमिर खान

    नासा

    नासा-ISRO का निसार मिशन अब अगले साल मार्च में होगा लॉन्च, जानिए क्यों हो रही देरी ISRO
    शनि ग्रह के बर्फीले छल्ले 4.5 अरब साल पहले बने होंगे, नए शोध में हुआ खुलासा  शनि ग्रह
    नासा का ब्लू घोस्ट-1 मिशन क्या है, जो अगले साल होगा लॉन्च? अंतरिक्ष
    सुनीता विलियम्स की वापसी में होगी और देरी, नासा ने क्रू-10 मिशन देर से करेगी लॉन्च सुनीता विलियम्स

    अंतरिक्ष

    सुनीता विलियम्स ने पूरा किया अपना आठवां स्पेसवॉक, हार्डवेयर की हुई मरम्मत  सुनीता विलियम्स
    भारत-अमेरिका रक्षा कार्यक्रम के लिए पहले भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप का हुआ चयन अमेरिका
    नासा ने दी चेतावनी, 390 फीट का एस्ट्रोयड आ रहा पृथ्वी की तरफ  एस्ट्रोयड
    इस महीने आसमान में एक कतार में दिखेंगे 6 ग्रह, जानिए कैसे देख सकेंगे यह घटना मंगल ग्रह
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025