
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स पर फिशिंग अटैक्स से मिलेगी सुरक्षा, आया नया 'सेफ लिंक्स' फीचर
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के यूजर्स कोरोनो वायरस संक्रमण के चलते पैदा हुई लॉकडाउन की स्थिति के बाद बढ़े हैं।
वर्कस्पेस से लेकर स्कूल्स तक इसका इस्तेमाल वीडियो मीटिंग्स और ऑनलाइन क्लासेज के लिए कर रहे हैं।
विंडोज 11 में माइक्रोसॉफ्ट टीम्स को डिफॉल्ट मेसेजिंग सर्विस के तौर पर शामिल किया गया है।
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स सॉफ्टवेयर में अब नया सुरक्षा फीचर दिया गया है, जिससे यूजर्स को फिशिंग अटैक्स से बचाया जा सके।
फीचर
मिला 'सेफ्टी लिंक्स' नाम का नया फीचर
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स में शामिल किए गए नए फीचर का नाम 'सेफ्टी लिंक्स' रखा गया है और इसकी मदद से माइक्रोसॉफ्ट टीम्स यूजर्स को को मालिशियस लिंक्स से सुरक्षा मिलेगी।
फिशिंग अटैक्स करने वाले टीम्स यूजर्स को फेक लिंक्स भेजकर उनके यूजरनेम और पासवर्ड्स की चोरी कर सकते हैं और ऐसी फेसब वेबसाइट्स के लिंक्स ईमेल और दूसरी मेसेजिंग सर्विसेज पर फॉरवर्ड किए जाते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट अब टीम्स में फिशिंग प्रोटेक्शन इस फीचर के साथ इंटीग्रेट करने जा रही है।
तरीका
ऐसे काम करेगा नया फिशिंग प्रोटेक्शन फीचर
डिफेंडर फॉर ऑफिस 365 में दिया गया सेफ लिंक्स फीचर यूजर्स को चैट्स में भेजे जाने वाले URLs और लिंक्स को स्कैन करेगा।
इन लिंक्स को क्लिक करते वक्त स्कैन किया जाएगा और यूजर्स को अलर्ट किया जाएगा।
लिंक के सेफ ना होने की स्थिति में यूजर्स को पता चल जाएगा कि वे अटैक का शिकार हो सकते हैं।
कंपनी ने बताया, "हम यह जानकारी देते हुए बेहद उत्साहित हैं कि नया फीचर अब सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध है।"
टेक
लिंक्स स्कैन क्यों करेगी माइक्रोसॉफ्ट?
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि अटैकर्स पहले के मुकाबले स्मार्ट हो गए हैं और सामान्य लिंक्स भेजते हैं, जिनपर क्लिक करने के बाद यूजर्स को मालिशियस वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है।
ऐसे रीडायरेक्ट फिशिंग URLs अक्सर डिटेक्शन सिस्टम्स को धोखा देते हैं और आसानी से इनका पता नहीं लगाया जा सकता।
यही वजह है कि माइक्रोसॉफ्ट लिंक पर क्लिक करने के बाद उसे स्कैन करेगी, जिससे बेहतर ढंग से मालिशियस लिंक्स का पता चल सके।
फायदा
कहां मिलेगा नए 'सेफ लिंक्स' फीचर का फायदा?
सॉफ्टवेयर कंपनी की मानें तो सेफ लिंक्स फीचर माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के सभी मेसेजिंग मोड्स को कवर करेगा, जिनमें कन्वर्सेशंस, ग्रुप चैट्स और चैनल्स शामिल हैं।
इस फीचर को कुछ महीने पहले से टेस्ट किया जा रहा था और कंपनी की मानें तो 'डिटेनेशन सिस्टम्स' ने हर महीने 20 लाख से ज्यादा फिशिंग URLs का पता लगाया है।
इसके अलावा हर महीने ऐसे URLs वाले करीब 100 ईमेल्स को इस टूल के साथ ब्लॉक किया गया है।
अपग्रेड
धीमे इंटरनेट पर भी चलती रहेंगी मीटिंग्स
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स में ने इसके अलावा नई पोस्ट में एक लो बैंडविद मोड भी लिस्ट किया है।
इसकी मदद से कमजोर इंटरनेट कनेक्शन पर भी यूजर्स को वीडियो कॉल के दौरान डाटा कैप करने का विकल्प मिलेगा और बेहतर क्वॉलिटी दी जाएगी।
माइक्रोसॉफ्ट टीम्स यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से नेटवर्क सेटिंग्स में बदलाव कर सकते हैं।
यह फीचर माइक्रोसॉफ्ट टीम्स डेस्कटॉप क्लाइंट की मार्च रिलीज में भी लिस्ट किया गया है।