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जापान का स्टार्टअप गुब्बारे से ले जाएगा धरती से 25 किलोमीटर ऊपर, इतना आएगा खर्च
जापान का स्टार्टअप गुब्बारे से ले जाएगा धरती से 25 किलोमीटर ऊपर

जापान का स्टार्टअप गुब्बारे से ले जाएगा धरती से 25 किलोमीटर ऊपर, इतना आएगा खर्च

लेखन रजनीश
Sep 04, 2023
03:46 pm

क्या है खबर?

जापान का एक स्टार्टअप लोगों को हीलियम भरे गुब्बारे में स्ट्रैटोस्फियर (धरती से 50 किलोमीटर तक की ऊंचाई) में भेजकर ऊंचाई वाली यात्रा को लोकप्रिय और आसान बनाने में लगा है। इससे लोग अधिक ऊंचाई पर जाकर पृथ्वी को देख सकेंगे। पिछले महीने एक मानवयुक्त उड़ान परीक्षण में यह गुब्बारा 6 किलोमीटर (19,700 फीट) की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। इस वर्ष के अंत तक इसके अपने अंतिम लक्ष्य 25 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने की उम्मीद है।

प्रोजेक्ट

ऊंचाई से पृथ्वी को देखना जल्द होगा संभव

वर्ष 2016 में 37 वर्षीय कीसुके ईवाया द्वारा स्थापित स्टार्टअप ईवाया का कहना है कि अगर गुब्बारा इतनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है तो ग्राहकों के लिए अपनी यात्रा के दौरान नीचे पृथ्वी का नीलापन और ऊपर अंतरिक्ष का अंधेरा देखना जल्द ही संभव होगा। हालांकि, ऐसी यात्राएं सस्ती नहीं होंगी। 23 जुलाई की सुबह हीलियम से उड़ने वाले गुब्बारे ने होक्काइडो के टोकाची जिले में ईवाया के परीक्षण स्थल से उड़ान भरी थी।।

उतरा

6 किलोमीटर की ऊंचाई से नीचे उतरने में लगे 2 घंटे

इस स्टार्ट-अप के स्पेस डेवलपमेंट विभाग के अकिहितो ओइकावा गुब्बारे के उड़ान के दौरान 1.1 मीटर चौड़े और 1.5 मीटर ऊंचे सिंगल-सीट केबिन के अंदर थे। यह केबिन गुब्बारे के नीचे लटका हुआ था। 6 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गुब्बारे की गैस छोड़ी गई और यह नीचे उतरा। गुब्बारे को नीचे उतरने में लगभग 2 घंटे लगे और यह जहां से लॉन्च किया गया था, वहां से करीब 26 किलोमीटर दूर एक मैदान में उतरा।

परीक्षण

सांस लेने और तापमान के प्रभाव से बचाने के लिए है खास इंतजाम

गुब्बारे का मानवयुक्त परीक्षण उड़ान 6 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने का स्टार्टअप का पहला प्रयास था। गुब्बारे की ऊंचाई 25 मीटर है और यह 11 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। 4 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इसके केबिन में सांस लेने योग्य वातावरण बनाए रखने के लिए भी इंतजाम है। इसका एयरटाइट केबिन बाहरी वायु दबाव और तापमान के प्रतिरोध वाले एक विशेष प्लास्टिक से बने हैं।

सवार

प्रति यात्री 13 लाख रुपये है उड़ान का खर्च

गुब्बारे में कंपनी के 35 से अधिक कर्मचारी उड़ान प्रशिक्षण और डाटा इकट्ठा करने के लिए सवार हुए। यह मार्च 2024 तक अपनी पहली व्यावसायिक उड़ान संचालित करने की योजना बना रहा है। इसके 4 घंटे की यात्रा का खर्च प्रति यात्री लगभग 13 लाख रुपये होगा। प्लान सफल होने पर रॉकेट की तुलना में लोग कम कीमत पर ऊपर से पृथ्वी का नजारा देख पाएंगे। उड़ानों के लिए आवेदन लेने शुरू किये जा चुके हैं।

प्लस

न्यूजबाइट्स प्लस

इससे पहले वर्ष 2021 में जापानी अरबपति युसाकू मेजावा ने कुछ अन्य सहयोगियों योजो हिरानो, रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर मिसुरकिन के साथ अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर 12 दिन बिताए थे। इन्होंने वापसी पर पैराशूट की मदद से लैंडिंग की थी। लॉन्चिंग के लगभग 6 घंटे बाद ये ISS पर पहुंचे थे। इस यात्रा के साथ मेजावा और हिरानो वर्ष 2009 के बाद खुद के पैसे से अंतरिक्ष केंद्र जाने वाले पहले पर्यटक थे।