कैसे हुई हमारी पृथ्वी इतनी रंगीन? इस नए अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में खुलासा किया है कि पृथ्वी पर रंगों की शुरुआत लगभग 60 करोड़ साल पहले हुई, जब जीवों ने प्रकाश और अंधेरे को पहचानना शुरू किया।
50 करोड़ साल पहले कुछ जानवरों ने लाल, हरा और नीला देखने की क्षमता विकसित की। इससे उन्हें शिकार और शिकारियों को पहचानने में मदद मिली।
धीरे-धीरे यह क्षमता विकसित हुई, जिससे जीव अधिक रंगीन होते गए। यह प्रक्रिया पृथ्वी को रंगीन बनाने में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।
रंग
पौधों और जानवरों ने बढ़ाया पृथ्वी का रंग
अध्ययन के अनुसार, रंग पहले पौधों में विकसित हुए। 30 करोड़ साल पहले रंगीन फल बने और 14 करोड़ साल पहले फूल विकसित हुए। इससे कीड़े और पक्षी आकर्षित हुए, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव आया।
इसके बाद जानवरों ने भी रंग अपनाने शुरू किए। कुछ ने साथी को आकर्षित करने, तो कुछ ने शिकारियों को डराने के लिए चमकीले रंग अपनाए।
डायनासोर के जीवाश्म बताते हैं कि उनके पंख भी रंगीन हो सकते थे।
भविष्य
भविष्य में कैसे बदलेंगे पृथ्वी के रंग?
वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के रंग अब भी बदल रहे हैं। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण कुछ जीव अपना प्राकृतिक रंग खो रहे हैं।
कई मछलियां अब उतनी चमकीली नहीं दिखतीं, क्योंकि प्रदूषित पानी उनकी रंगत को प्रभावित कर रहा है। कुछ जीवों के रंग बदलने से उनका अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।
शोधकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि भविष्य में प्रकृति कौन से नए रंग विकसित कर सकती है।