NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / कैसे हुई हमारी पृथ्वी इतनी रंगीन? इस नए अध्ययन में हुआ खुलासा
    अगली खबर
    कैसे हुई हमारी पृथ्वी इतनी रंगीन? इस नए अध्ययन में हुआ खुलासा
    पृथ्वी पर रंगों की शुरुआत लगभग 60 करोड़ साल पहले हुई (तस्वीर: फ्रीपिक)

    कैसे हुई हमारी पृथ्वी इतनी रंगीन? इस नए अध्ययन में हुआ खुलासा

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Feb 18, 2025
    03:20 pm

    क्या है खबर?

    वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में खुलासा किया है कि पृथ्वी पर रंगों की शुरुआत लगभग 60 करोड़ साल पहले हुई, जब जीवों ने प्रकाश और अंधेरे को पहचानना शुरू किया।

    50 करोड़ साल पहले कुछ जानवरों ने लाल, हरा और नीला देखने की क्षमता विकसित की। इससे उन्हें शिकार और शिकारियों को पहचानने में मदद मिली।

    धीरे-धीरे यह क्षमता विकसित हुई, जिससे जीव अधिक रंगीन होते गए। यह प्रक्रिया पृथ्वी को रंगीन बनाने में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।

    रंग 

    पौधों और जानवरों ने बढ़ाया पृथ्वी का रंग 

    अध्ययन के अनुसार, रंग पहले पौधों में विकसित हुए। 30 करोड़ साल पहले रंगीन फल बने और 14 करोड़ साल पहले फूल विकसित हुए। इससे कीड़े और पक्षी आकर्षित हुए, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव आया।

    इसके बाद जानवरों ने भी रंग अपनाने शुरू किए। कुछ ने साथी को आकर्षित करने, तो कुछ ने शिकारियों को डराने के लिए चमकीले रंग अपनाए।

    डायनासोर के जीवाश्म बताते हैं कि उनके पंख भी रंगीन हो सकते थे।

    भविष्य 

    भविष्य में कैसे बदलेंगे पृथ्वी के रंग? 

    वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के रंग अब भी बदल रहे हैं। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण कुछ जीव अपना प्राकृतिक रंग खो रहे हैं।

    कई मछलियां अब उतनी चमकीली नहीं दिखतीं, क्योंकि प्रदूषित पानी उनकी रंगत को प्रभावित कर रहा है। कुछ जीवों के रंग बदलने से उनका अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।

    शोधकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि भविष्य में प्रकृति कौन से नए रंग विकसित कर सकती है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    जलवायु परिवर्तन

    ताज़ा खबरें

    बेंगलुरु भगदड़ मामले में पुलिस आयुक्त का निलंबन: क्या है IPS अधिकारी के निलंबन की प्रक्रिया? कर्नाटक
    आमिर खान की 91 साल की मां भी बॉलीवुड में आईं, 'सितारे जमीन पर' में एंट्री आमिर खान
    RBI के डिप्टी गवर्नर बने 16वें वित्त आयोग के अंशकालिक सदस्य, जानिए कब तक रहेंगे  वित्त मंत्रालय
    जेमी लीवर के सामने एक शख्स ने की इतनी घिनौनी हरकत, मर्दों से हो गई नफरत जॉनी लीवर

    जलवायु परिवर्तन

    दुनिया का चौथा सबसे छोटा देश तुवालु हो सकता है लुप्त, बढ़ रहा समुद्र का जलस्तर द्वीप
    जुलाई रहा अब तक का सबसे गर्म महीना, यूरोपीय संघ की जलवायु वेधशाला ने की पुष्टि  यूरोपीय संघ
    कीड़ों में होता है मांस से ज्यादा प्रोटीन, धरती को बचाए रखने में भी सहायक  अमेरिका
    नासा ने बढ़ती गर्मी पर दी चेतावनी, लगातार पांचवें साल बढ़ा जुलाई का तापमान नासा
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025