
पृथ्वी पर कैसे आया सोना? नासा के डाटा से हुआ खुलासा
क्या है खबर?
सोना आज के दौर में सबसे मूल्यवान धातुओं में से एक माना जाता है।
हालांकि, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब ब्रह्मांड की शुरुआत हुई थी, तब सोना था ही नहीं। उस समय केवल हाइड्रोजन, हीलियम और लिथियम मौजूद थे। बाद में कई खगोलीय घटनाओं के कारण भारी धातुएं बनीं।
अब नासा के डाटा का अध्ययन होने से यह खुलासा हुआ है कि यह कीमती धातु पृथ्वी पर आखिर कैसे पहुंची और इसका जन्म कहां हुआ।
खुलासा
नासा के शोध में क्या हुआ खुलासा?
नासा के वैज्ञानिकों ने पाया कि पृथ्वी पर मौजूद सोना सीधे यहीं नहीं बना, बल्कि उल्कापिंडों के जरिए यहां पहुंचा।
जब पृथ्वी का कोर बना, तब भारी धातुएं नीचे की ओर चली गईं, लेकिन जो सोना आज ज़मीन पर दिखता है, वह बाद में आए धातु-समृद्ध उल्कापिंडों की वजह से आया।
यानी आज जो आभूषणों और तकनीकी उपकरणों में दिखता है, वह अरबों साल पुरानी अंतरिक्षीय घटनाओं का नतीजा है।
उत्पत्ति
एक चमक से भारी धातुओं की उत्पत्ति
2004 में एक दुर्लभ चमक को एक दूरबीन ने रिकॉर्ड किया, जो एक मैग्नेटर नामक सुपरमैग्नेटिक तारे से आई थी।
यह तारा इतना शक्तिशाली था कि इसका चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी से खरबों गुना ज्यादा था। इस चमक ने कुछ सेकंड में ही सूर्य की 10 लाख वर्षों की ऊर्जा से अधिक ऊर्जा छोड़ी।
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि इस एक घटना में ही इतनी भारी धातुएं बनीं, जो पृथ्वी के द्रव्यमान के एक-तिहाई के बराबर हो सकती हैं।
महत्व
वैज्ञानिकों की राय और खोज का महत्व
इस खोज से यह दूसरी बार है जब वैज्ञानिकों ने सीधे तौर पर देखा है कि भारी तत्व कहां बनते हैं।
यह शोध 'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ता अनिरुद्ध पटेल और ब्रायन मेट्जगर ने कहा कि यह हमारी समझ में बड़ी छलांग है।
उनके मुताबिक, हमारे मोबाइल, कंप्यूटर और आभूषणों में इस्तेमाल होने वाली धातुएं इन अत्यधिक चरम परिस्थितियों में बनती हैं। यह खोज ब्रह्मांड की गहराइयों को समझने में मदद करेगी।