गूगल ने बंद किया AR ग्लास 'प्रोजेक्ट आइरिस,' अब हेडसेट के लिए बना रही है सॉफ्टवेयर
मेटा और सैमसंग के बाद ऐपल जैसी कंपनी अपने हेडसेट पेश कर रही हैं। इन हेडसेट पर आधारित स्वास्थ्य, मनोरंजन, गेमिंग से जुड़ी नई टेक्नोलॉजी खोजी जा रही हैं। हाल ही में पेश किए गए ऐपल हेडसेट विजन प्रो की कीमत छोड़ दें तो उसके फीचर्स ने लोगों को काफी आकर्षित किया है। ऐसे में हेडसेट जैसे स्मार्ट ग्लास पर काफी समय पहले से काम कर रही कंपनी गूगल का अपने प्रोजेक्ट को बंद करने की रिपोर्ट चौंकाने वाली है।
प्रोजेक्ट आइरिस के बंद होने की वजह
गूगल ग्लास को 'प्रोजेक्ट आइरिस' नाम दिया गया था। बिजनेस इनसाइडर की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, आइरिस प्रोजेक्ट को लीड करने वाले क्ले बेवर के ऑग्युमेंटेड रियलिटी (AR) डिवीजन छोड़ने के बाद गूगल ने इस प्रोजेक्ट को बंद करने का फैसला लिया होगा। गूगल के वर्चुअल रियलिटी/ऑग्युमेंटेड रियलिटी (AR/VR) टीम के एक अन्य इंजीनियर कर्ट एक्ले भी रिटायर हो गए हैं। कंपनी में छंटनी और लगातार बदलती रणनीतियों को भी प्रोजेक्ट के बंद होने की वजह माना जा रहा है।
स्टैंडअलोन डिवाइस के रूप में लॉन्च किया जाना था आइरिस
आइरिस के लिए गूगल ने 2020 में नॉर्थ नाम की एक कनाडाई कंपनी का अधिग्रहण किया था। ये कंपनी स्मार्ट ग्लास पर काम करती थी और इसने ग्लास के अनुवाद करने की क्षमता को भी प्रदर्शित किया था। बीते वर्ष जुलाई में गूगल ने कहा था कि वह AR प्रोटोटाइप का परीक्षण शुरू करेगी। शुरुआत में गूगल ने प्रोजेक्ट आइरिस को एक स्टैंडअलोन डिवाइस के रूप में लॉन्च करने की योजना बनाई थी।
पूरी तरह से बंद नहीं हुआ AR का काम
रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने अपने हार्डवेयर डेवलपमेंट को रद्द कर दिया, लेकिन AR पर काम करना पूरी तरह से बंद नहीं किया है। AR हार्डवेयर के परीक्षण और डेवलपमेंट का काम अभी जारी रहेगा। इस साल की शुरुआत में गूगल, सैमसंग और क्वालकॉम ने घोषणा की थी कि वे एक मिक्स्ड रियलिटी वाले हेडसेट पर काम कर रहे हैं। सैमसंग इस हेडसेट की मैन्युफैक्चरिंग करेगी और गूगल सॉफ्टवेयर का काम देखेगी। इसके अलावा चिप क्वालकॉम की इस्तेमाल होगी।
एंड्रॉयड की तरह हेडसेट के लिए प्लेटफॉर्म का लाइसेंस दे सकती है गूगल
रिपोर्ट में गूगल के 2 कर्मचारियों के हवाले से कहा गया है कि कंपनी किसी दिन प्रोजेक्ट आइरिस को फिर से शुरू कर सकती है। गूगल के AR लैब्स डिवीजन में ऐसे सॉफ्टवेयर बनाने पर काम किया जा रहा है जो भविष्य के एक्सटेंडेड रियलिटी (XR) डिवाइस को सपोर्ट करेंगे। नई रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल 'माइक्रो XR' प्लेटफॉर्म 'बेट्टी' पर भी काम कर रही है। इसका लाइसेंस भी गूगल एंड्रॉयड की तरह निर्माताओं को दिया जा सकता है।