नए ऐपल M1 चिप के लिए बनाया गया पहला मालवेयर मिला, इसलिए है खतरनाक
ऐपल ने पिछले साल की आखिरी तिमाही में नए M1 चिप वाला मैकबुक लाइनअप लॉन्च किया था लेकिन यह भी वायरस और मालवेयर जैसे खतरों से अछूता नहीं है। अब खास तौर से ऐपल M1 चिप वाले मैकबुक्स के लिए डिजाइन किए गए पहले मालवेयर का पता चला है। इसके साथ एक बात और सामने आई है कि मालवेयर तैयार करने वाले अटैकर्स अब कंपनी के नए मैकबुक डिवाइसेज के हिसाब से भी अपने मलिशियस सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं।
सिक्योरिटी रिसर्चर ने पता लगाया
मैक सिक्योरिटी रिसर्चर पैट्रिक वार्डल ने MacRumors पर शेयर की रिपोर्ट में बताया है कि सामने आए मालवेयर को M1 चिप के लिए डिजाइन किया गया है। वार्डल ने पाया कि M1 चिप के लिए तैयार किया गया पहला मालवेयर सफारी ऐडवेयर एक्सटेंशन की शक्ल में काम करता है। इस मालवेयर को पहले इंटेल x86 बेस्ड चिप वाले मैकबुक्स के लिए तैयार किया गया था। इस एक्सटेंशन का नाम 'गोसर्च22' है और यह 'Pirrit' मैक ऐडवेयर फैमिली से जुड़ा है।
दिखाने लगता है ढेरों ऐड और पॉप-अप्स
मालवेयर से जुड़ा एक्सटेंशन सबसे पहले पिछले साल दिसंबर महीने में दिखा था। बता दें, पिरिट (Pirrit) सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा एक्टिव मैक ऐडवेयर फैमिलीज में शामिल है और डिटेक्शन से बचने के लिए लगातार नए तरीके आजमाती रहती है। यही वजह है कि कुछ वक्त में ही मालवेयर ने नए M1 चिप वाले मैकबुक मॉडल्स के लिए खुद को ढाल लिया। ऐडवेयर असली ब्राउजर एक्सटेंशन जैसा है लेकिन ढेरों बैनर ऐड्स और पॉप-अप्स यूजर को दिखाने लगता है।
इसलिए खतरनाक है सामने आया मालवेयर
गोसर्च22 ऐडवेयर यूजर्स के डिवाइस में ऐड दिखाने के अलावा उन्हें ट्रैक कर सकता है और इसकी मदद से डाटा की चोरी की जा सकती है। इस मालवेयर के चलते दिखाए जाने वाले कई पॉप-अप्स दूसरी मलिशियस वेबसाइट्स से जुड़े होते हैं, जो दूसरे मालवेयर को यूजर्स के डिवाइस तक पहुंचा सकती हैं। रिसर्चर ने बताया कि इस ऐडवेयर को नवंबर, 2020 में एक ऐपल डिवेलपर ID के साथ साइन किया गया था लेकिन अब रिवोक कर दिया गया है।
ऐसे मालवेयर का पता लगाना मुश्किल
ऐपल की M1 चिप वाले डिवाइस अपनी अर्ली स्टेज में हैं और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर x86 मैकबुक्स के मुकाबले इनमें मौजूद मालवेयर का आसानी से पता नहीं लगा पा रहे। साफ है कि ऐसे और भी मालवेयर नए मैकबुक्स को नुकसान पहुंचाने के लिए डिजाइन किए जा सकते हैं। नए मालवेयर की डेफनिशन एंटीवायरस सॉफ्टवेयर में शामिल किए जाने तक डिवाइस सुरक्षित नहीं हैं। फिलहाल अनजान एक्सटेंशन सफारी ब्राउजर में ना इंस्टॉल करना ही इससे बचने का एक तरीका है।