एलन मस्क पर ट्विटर अधिग्रहण जांच में गवाही देने का दबाव, जानें पूरा मामला
क्या है खबर?
दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क पर अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा मुकदमा दायर किया जा रहा है।
अदालत की फाइलिंग से पता चलता है कि इस मुकदमे के जरिए मस्क को एक्स (तब ट्विटर) के अधिग्रहण की जांच के हिस्से के रूप में गवाही देने के लिए मजबूर करने की कोशिश हो रही है।
दरअसल, ट्विटर में स्टॉक खरीदने को लेकर मस्क पर कानूनों को तोड़ने का आरोप है।
विवाद
SEC इस बात की करना चाहती है जांच
गौरतलब है कि मस्क और SEC के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
SEC इस बात का पता लगाना चाहती है कि क्या मस्क ने 2022 में ट्विटर में हिस्सेदारी खरीदते समय फेडरल सिक्योरिटीज कानूनों का पालन किया था या नहीं।
मई, 2022 में SEC ने कहा कि वह मस्क द्वारा ट्विटर में उनके हिस्सेदारी के खुलासे की जांच कर रहा है। यह भी सवाल किया कि क्या उन्होंने उचित कागजी कार्रवाई दायर की है।
फाइलिंग
आपत्ति जताकर गवाही के लिए नहीं पेश हुए मस्क
SEC ने गुरुवार की फाइलिंग में कहा कि उसने मई, 2023 में मस्क को समन भेजा था, जिसमें उन्हें SEC के सैन फ्रांसिस्को कार्यालय में गवाही देनी थी। मस्क 15 सितंबर को पेश होने के लिए सहमत हुए और तय समय से 2 दिन पहले उन्होंने कई फर्जी आपत्तियां जताई और कहा कि वह पेश नहीं होंगे।
इसके अलावा उन्होंने अक्टूबर या नवंबर में टेक्सास में गवाही देने के SEC के प्रस्तावों को भी अस्वीकार कर दिया।
आपत्ति
ये थी मस्क की आपत्ति
मस्क की आपत्ति थी कि SEC उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने यह भी आपत्ति जताई कि उनके वकील को मस्क की जीवनी से जुड़ी प्रकाशित सामग्री की समीक्षा के लिए समय चाहिए था।
फाइलिंग के अनुसार, मस्क ने जांच से संबंधित दस्तावेज दिए हैं और पिछले साल जुलाई में वीडियो कॉन्फ्रेंस से गवाही दी थी।
मस्क के वकील ने कहा कि SEC कई बार गवाही ले चुका है और अब बहुत हो गया।
जानकारी
SEC ने कही यह बात
एक प्रेस विज्ञप्ति में SEC ने कहा कि वह ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए मस्क की गवाही की मांग कर रहा है, जो SEC के पास नहीं है और कानूनी जांच के लिए जरूरी है।
मामला
मस्क ने जानकारी देने में की थी देरी
मस्क ने शुरुआत में ट्विटर में एक बड़ी हिस्सेदारी लेने के बाद उसका अधिग्रहण किया। इसका खुलासा उन्होंने पहली बार अप्रैल, 2022 में किया था।
मस्क ने खुलासा दाखिल करने में देरी की और शुरू में उन्होंने संकेत दिया था कि उनकी एक पैसिव स्टेकहोल्डर बनने की योजना है।
इसका मतलब है कि मस्क की ट्विटर पर कब्जा करने या इसके प्रबंधन के निर्णयों को प्रभावित करने की योजना नहीं है।
सौदा
अपनी बात से पलटे मस्क
कुछ दिनों बाद मस्क ने ट्विटर की बोर्ड सीट स्वीकार कर ली और फिर छोड़ दी।
आगे चलकर उन्होंने ट्विटर को लगभग 3,36,000 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की।
बाद में मस्क इस सौदे से यह आरोप लगाकर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे कि ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर बॉट एक्टिविटी की पूरी सीमा का खुलासा नहीं कर रही है।
हालांकि, इस मामले में मुकदमे की वजह से उन्हें सौदा पूरा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।