
पृथ्वी इस गर्मी में घूम रही पहले से तेज, क्या हो सकती है वजह?
क्या है खबर?
पृथ्वी इस साल गर्मी के मौसम में पहले की तुलना में तेजी से घूम रही है, जिससे दिन थोड़े छोटे हो रहे हैं। वैज्ञानिकों और समय विशेषज्ञों का ध्यान इस पर केंद्रित है। 10 जुलाई को अब तक का सबसे छोटा दिन दर्ज हुआ था, जो 24 घंटे से 1.36 मिलीसेकंड कम था। विशेषज्ञ इसे सामान्य उतार-चढ़ाव नहीं मान रहे, बल्कि एक संभावित बड़े बदलाव का संकेत मान रहे हैं, जिसका प्रभाव तकनीक और समय प्रणाली पर हो सकता है।
दिन
आज भी सामान्य से छोटा रहेगा दिन
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक, आज (22 जुलाई) का दिन सामान्य 24 घंटे से 1.34 मिलीसेकंड छोटा रहने की उम्मीद है। इसी तरह 5 अगस्त को भी दिन छोटा रहने का अनुमान है। वैज्ञानिक इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि क्या यह रुझान जारी रहेगा। हालांकि, इस अंतर का रोजमर्रा की जिंदगी पर कोई खास असर नहीं होता, लेकिन तकनीकी प्रणाली और समय गणना के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
तरीका
सटीक समय कैसे मापा जा रहा है?
पृथ्वी के घूमने की गति और दिन की लंबाई को मापने के लिए वैज्ञानिक परमाणु घड़ियों और अंतरिक्ष आधारित लेजर तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस (IERS) नामक संस्था रोजाना पृथ्वी की गति पर नजर रखती है। यह संस्था पृथ्वी के घूर्णन में आने वाले सूक्ष्म बदलावों की तुलना अंतरराष्ट्रीय परमाणु समय (TAI) से करती है। इसी आधार पर कभी-कभी लीप सेकंड जोड़ा या घटाया जाता है, ताकि समय की गणना सटीक बनी रहे।
वजह
पृथ्वी के तेजी से घूमने की यह है वजह?
विशेषज्ञों का मानना है कि पृथ्वी की घूर्णन गति कई प्राकृतिक कारणों से प्रभावित होती है, जैसे चंद्रमा और ज्वार-भाटा, वायुमंडलीय परिवर्तन और पृथ्वी के तरल कोर की गतिविधियां। गर्मियों में वायुमंडल के धीमे होने से ग्रह की घूर्णन गति तेज हो जाती है। मौसमीय बदलावों और पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों की गतिविधियों का सम्मिलित प्रभाव पृथ्वी को थोड़ा तेज घुमाता है, जिससे दिन के समय में मिलीसेकंड का अंतर आता है।