शेयर करते हैं नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम अकाउंट? अब नहीं मिलेगा पासवर्ड शेयरिंग का विकल्प
नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और डिज्नी+ जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं के पासवर्ड्स जल्द आप दूसरों के साथ शेयर नहीं कर पाएंगे। अभी सब्सक्रिप्शन लेने वाला एक यूजर अपने परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ अकाउंट शेयर कर लेता है, जिससे उन्हें सब्सक्रिप्शन नहीं लेना पड़ता। OTT कंपनियां इसे अपने नुकसान की तरह देख रही हैं और जल्द इस प्रैक्टिस पर रोक लगाने वाली हैं। यानी कि कंटेंट देखने के लिए सभी को अपना अकाउंट बनाकर सब्सक्रिप्शन लेना होगा।
स्ट्रीमिंग सेवाओं को अरबों डॉलर का नुकसान
समाचार एजेंसी AP की रिपोर्ट में बताया गया है कि पासवर्ड शेयरिंग की वजह से स्ट्रीमिंग सर्विसेज को सालाना कमाई में अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है। बेशक सालाना 120 बिलियन डॉलर की कमाई करने वाली इंडस्ट्री के लिए यह छोटा आंकड़ा लगे लेकिन कंपनियां इस दिक्कत को खत्म करना चाहती हैं। CFRA एनालिस्ट टूना अमोबी कहते हैं, "इंडस्ट्री पासवर्ड शेयरिंग के खिलाफ कदम उठाने को तैयार है। सवाल क्या ऐसा होगा नहीं, बल्कि ऐसा कब होगा, है।"
यूजर्स को पासवर्ड शेयरिंग से रोकने की कोशिश
लोकप्रिय OTT प्लेटफॉर्म मार्च के बाद अपने यूजर्स को पॉप-अप दिखाकर उनसे अपना अकाउंट वेरिफाइ करने को कह रही है। यूजर्स को ईमेल या टेक्स्ट पर भेजा गया कोड एंटर करने को कहा जाता है, हालांकि 'बाद में' ऐसा करने का विकल्प भी मिल जाता है। यह यूजर्स को पासवर्ड शेयरिंग से रोकने वाले फीचर की शुरुआती टेस्टिंग हो सकती है। फिलहाल केवल नेटफ्लिक्स फॉर टीवी ऐप में ऐसा पॉप-अप प्रॉम्प्ट कुछ यूजर्स को दिखा है।
पहले की तरह नहीं बढ़ रहे सब्सक्राइबर्स
नेटफ्लिक्स की ओर से पासवर्ड शेयरिंग रोककर ज्यादा यूजर्स को प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, पिछले साल कोविड-19 महामारी के दौरान तेजी से सब्सक्राइबर्स बढ़ने के बाद अब बढ़त में कमी आ रही है। नेटफ्लिक्स बेशक 20 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स वाला प्लेटफॉर्म बन गई है लेकिन डिज्नी+ जैसे विकल्प कम कीमत पर यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं। दो साल से कम वक्त में डिज्नी+ के 10 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं।
दूसरों के अकाउंट्स इस्तेमाल करते हैं इतने यूजर्स
लीचमैच रिसर्च ग्रुप की स्टडी में सामने आया है कि सभी वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं में से एक चौथाई का इस्तेमाल कई यूजर्स करते हैं। स्टडी में सामने आया है कि करीब 16 प्रतिशत यूजर्स कम से कम ऐसी एक सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके लिए पूरा भुगतान किसी और की ओर से किया जा रहा है। 18 से 34 साल की उम्र वालों के लिए यह आंकड़ा 26 प्रतिशत यूजर्स तक बढ़ जाता है।