क्या आप जानते हैं? एक ही कंपनी बनाती है ओप्पो, वनप्लस, वीवो और रियलमी के फोन

भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में सबसे ज्यादा शेयर चाइनीज कंपनियों के पास है और सबसे बड़ा मार्केट सैमसंग और शाओमी का है। हालांकि, कुल मार्केट शेयर की बात करें तो शाओमी से ज्यादा दबदबा BBK इलेक्ट्रॉनिक्स का दिखेगा। हो सकता है कि आपने आज पहली बार इस चाइनीज कंपनी का नाम सुना हो, लेकिन ओप्पो, रियलमी, वीवो, वनप्लस और iQOO जैसी कंपनियों को जरूर जानते होंगे। दरअसल, इन सभी स्मार्टफोन ब्रैंड्स की पैरेंट कंपनी BBK इलेक्ट्रॉनिक्स ही है।
साल 1998 में BBK इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की शुरुआत हुई और इसका हेडक्वॉर्टर चीन के गुआंगझोउ में है। BBK इलेक्ट्रॉनिक्स के फाउंडर डुआन योंगपिंग चीन के सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं। कंपनी की प्रोडक्ट रेंज में स्मार्टफोन्स, स्मार्ट टीवी, पावरबैंक्स और होम थिएटर्स से लेकर ऑडियो-विजुअल डिवाइसेज तक शामिल हैं। आलम यह है कि BBK इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोडक्ट्स का कुल शिपमेंट ऐपल, सैमसंग और हुवाई जैसी कंपनियों को टक्कर देता है।
BBK इलेक्ट्रॉनिक्स का नाम इसके प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर यूजर्स भी नहीं जानते क्योंकि इसके सभी प्रोडक्ट्स पर BBK की ब्रैंडिंग नहीं होती। यूजर्स को लगता है कि वे ओप्पो, वीवो, वनप्लस, रियलमी और iQOO के स्मार्टफोन्स या डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि सभी BBK इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े हैं। खास बात यह है कि मार्केट में BBK इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी कंपनियां आपस में टकराती नजर आती हैं और एकदूसरे से बेहतर प्रोडक्ट्स डिलीवर करने का दावा करती हैं।
आसान भाषा में समझें तो BBK इलेक्ट्रॉनिक्स एक पेड़ है और ओप्पो, रियलमी, वीवो, वनप्लस और iQOO उसकी टहनियां हैं। यूजर्स इन टहनियों में लगे फलों की तुलना करते हैं और किसी एक टहनी का फल चुनते हैं। इस दौरान यूजर्स को एहसास नहीं होता कि वे एक ही पेड़ के फल खा रहे हैं। ढेरों विकल्पों में से किसी एक को चुनने के बाद यूजर्स उसके लिए भुगतान करते हैं और इसका फायदा अंत में BBK तक जाता है।
एक ही कंपनी से जुड़े होने की वजह से ओप्पो, वीवो, रियलमी, वनप्लस और iQOO कंपनी के संसाधनों का पूरा इस्तेमाल कर पाते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के नोएडा में बनी ओप्पो मोबाइल फैक्टरी में वनप्लस के फोन्स का प्रोडक्शन भी होता है। इसके अलावा रिसर्च और डिवेलपमेंट का काम अलग-अलग टीमों को नहीं करना पड़ता और एक आइडिया के आधार पर सभी ब्रैंड्स छोटे-बड़े बदलाव कर प्रोडक्ट्स लॉन्च कर सकते हैं।
वनप्लस 8 प्रो फ्लैगशिप फोन ओप्पो फाइंड X2 प्रो पर आधारित था। इसी तरह ओप्पो रेनो सीरीज वनप्लस नॉर्ड का आधार बनी थी। गौर से देखने पर आप पाएंगे कि ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसी कंपनियों के प्रोडक्ट्स में काफी समानता है। स्मार्टफोन्स के डिजाइन और ब्रैंडिंग में बदलावों को छोड़ दें तो इनके इंटर्नल्स काफी हद तक एक जैसे होते हैं। माना जा रहा है कि नई वनप्लस वॉच पिछली ओप्पो वॉच पर आधारित हो सकती है।
BBK इलेक्ट्रॉनिक्स का इन स्मार्टफोन ब्रैंड्स पर पूरा नियंत्रण है, ऐसा नहीं है। ओप्पो, वीवो, रियलमी, वनप्लस और iQOO में सबसे बड़ा अंतर इनके कस्टम UI और मार्केटिंग के तरीके का है। ये कंपनियां एक ही प्राइस सेगमेंट में अपने-अपने नए डिवाइसेज लेकर आती हैं, जिससे यूजर्स को ढेरों विकल्प मिलें और सभी विकल्प BBK इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े हों। बड़े मार्केट पर कब्जा करने की यह कारगर और बेहतरीन रणनीति है।
BBK इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर से कई स्मार्टफोन ब्रैंड्स लेकर आने में कुछ गलत नहीं है। शाओमी और हुवाई जैसी कंपनियां भी पोको और ऑनर जैसे ब्रैंड्स लेकर आई हैं। टेक कंपनियां अपने सब-ब्रैंड्स के सफल रहने पर बाद में उन्हें इंडिपेंडेंट कंपनी बना देती हैं। अलग-अलग ब्रैंड्स के साथ कंपनियां एक वक्त में कई डिवाइसेज और प्रोडक्ट्स पर काम कर पाती हैं। मार्केट में कोई एक ब्रैंड कमजोर हो तो दूसरा अच्छा परफॉर्म कर संतुलन बनाए रखता है।