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    लोकेशन परमिशन लेकर आपकी ढेर सारी जानकारी जुटा सकती हैं ऐप्स: स्टडी

    लोकेशन परमिशन लेकर आपकी ढेर सारी जानकारी जुटा सकती हैं ऐप्स: स्टडी

    लेखन प्राणेश तिवारी
    Feb 22, 2021
    06:25 pm

    क्या है खबर?

    स्मार्टफोन में मौजूद ढेर सारी ऐप्स ठीक से काम करने के लिए यूजर्स से कई परमिशंस लेती हैं।

    ऐप्स को परमिशंस देने से पहले अलर्ट रहना बेहद जरूरी है और सभी ऐप्स पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।

    एक नई स्टडी में सामने आया है कि यूजर्स के बारे में ढेर सारी जानकारी जुटाने के लिए ऐप्स को कई परमिशंस लेने की जरूरत भी नहीं है और केवल लोकेशन परमिशन ऐसा करने के लिए काफी है।

    रिसर्च

    लोकेशन परमिशन लेकर जुटाया डाटा

    यूनिवर्सिटी कॉलेज इन लंदन के रिसर्चर बेंजामिन बैरॉन और इटली में यूनिवर्सिटी ऑफ बोलोग्ना के रिसर्चर मिरको मुसोलिसी ने यह स्टडी की।

    रिसर्चर्स ने इसके लिए खुद डिवेलप की ऐप ट्रैकएडवाइजर (TrackAdvisor) का इस्तेमाल किया और रिसर्च में शामिल पार्टिसिपेंट्स से यह ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा।

    स्टडी के लिए पार्टिसिपेंट्स के स्मार्टफोन से ऐप में लोकेशन परमिशन ली गई और उनका डाटा जुटाया गया।

    स्टडी में कुल 69 पार्टिसिपेंट्स ने हिस्सा लिया।

    डाटा

    ऐप ने जुटाया लाखों जगहों का डाटा

    स्टडी के दौरान यूजर्स ने अपने स्मार्टफोन में ऐप रखते हुए करीब दो सप्ताह का वक्त बिताया।

    इस दौरान ऐप ने करीब दो लाख जगहों का यूजर्स लोकेशन डाटा कलेक्ट किया।

    ऐप ने 2,500 जगहों की पहचान की और पर्सनल जानकारी से जुड़ी करीब 5,000 चीजों का बड़ा डाटाबेस तैयार किया।

    जुटाई गई जानकारी में यूजर्स की सेहत, आर्थिक-सामाजिक स्थिति, पसंद-नापसंद, आदतों से लेकर धर्म तक का डाटा शामिल था।

    बयान

    लोकेशन-ट्रैकिंग परमिशन देना खतरनाक

    सिक्योरिटी रिसर्चर मुसोलिसी ने बताया कि लोकेशन ट्रैकिंग परमिशन देकर यूजर्स ढेर सारी जानकारी अनजाने में ऐप के हवाले कर देते हैं।

    उन्होंने बताया, "मशीन लर्निंग के तरीकों की वजह से लोकशन डाटा के आधार पर ऐप्स पता लगा लेती हैं कि यूजर कहां रहता है, उसकी आदतें और पसंद क्या है, वह कहां खरीददारी करता है या फिर कहां काम करता है।"

    केवल लोकशन परमिशन के साथ यूजर्स की पर्सनालिटी का खाका ऐप्स के पास पहुंच जाता है।

    वजह

    ऐसा क्यों करती हैं ऐप्स?

    स्मार्टफोन्स में मौजूद कई ऐप्स इस डाटा की मदद से यूजर्स को पर्सनलाइज्ड और उसकी पसंद से जुड़े ऐड दिखाती हैं।

    वहीं, कुछ ऐप्स के काम करने के लिए यह डाटा जरूरी हो सकता है। उदाहरण के लिए, टैक्सी-बुकिंग ऐप के साथ लोकेशन शेयर करना जरूरी है।

    रिसर्चर्स ने उम्मीद की है कि इस स्टडी से एक ऐसा सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी, जो सेंसिटिव डाटा जुटाने की प्रक्रिया को ब्लॉक कर सके।

    जानकारी

    ऐप्स को परमिशन देने से बचें

    हमेशा इस बात पर ध्यान दें कि ऐप आपसे जो परमिशन मांग रही है तो वह उसकी जरूरत है या नहीं। उदाहरण के लिए किसी टॉर्च ऐप को लोकेशन परमिशन की जरूरत नहीं है, फिर भी ऐप परमिशन मांगे तो आप इनकार कर सकते हैं।

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