2025 रहेगा चंद्र मिशनों का व्यस्त साल, ये निजी मिशन होने वाले हैं लॉन्च
क्या है खबर?
इस साल चंद्रमा को लेकर दुनियाभर में काफी हलचल रहने वाली है। 2025 में न केवल सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियां, बल्कि निजी कंपनियां भी चंद्र मिशन लॉन्च करेंगी।
नासा, ब्लू ओरिजिन, इंट्यूटिव मशीन, आईस्पेस और एस्ट्रोबोटिक अपने मिशनों के जरिए चंद्रमा पर नए प्रयोग करेंगी।
ये मिशन चंद्रमा पर पानी, खनिज, संचार प्रणाली और सतह की संरचना को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे। 2024 में शुरू हुआ कॉमर्सियल चंद्र मिशन क्षेत्र 2025 में तेजी से आगे बढ़ेगा।
IM-2 नोवा-सी लैंडर
फरवरी, 2025 में जाएगा IM-2 नोवा-सी लैंडर
इंट्यूटिव मशीन का IM-2 नोवा-सी लैंडर फरवरी के अंत में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा। इसका उद्देश्य वहां बर्फ और पानी की खोज करना है।
यह नासा के PRIME-1 मिशन के तहत एक मीटर लंबी ड्रिल और मास स्पेक्ट्रोमीटर लेकर जाएगा, जिससे बर्फ और अन्य खनिजों की पहचान की जाएगी।
मिशन नोकिया द्वारा विकसित पहले लूनर मोबाइल नेटवर्क को स्थापित करने का प्रयास करेगा, जिससे चंद्रमा पर भविष्य के मिशनों के लिए संचार प्रणाली तैयार की जा सके।
ब्लू मून मार्क-1 लैंडर
मार्च, 2025 में ब्लू मून मार्क-1 लैंडर भेजा जाएगा
ब्लू ओरिजन कंपनी अपने ब्लू मून मार्क-1 लैंडर को मार्च, 2025 में लॉन्च कर सकती है। इस मिशन का उद्देश्य नासा के SCALPSS कैमरा सिस्टम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजना है।
यह सिस्टम वहां उतरने वाले यान के कारण उठने वाली धूल और सतह के प्रभावों का अध्ययन करेगा। इससे भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए सुरक्षित लैंडिंग तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी।
नासा इस मिशन के डाटा का उपयोग आर्टेमिस मिशन की तैयारियों के लिए करेगी।
हकुतो-R मिशन 2
मई-जून, 2025 में हकुतो-R मिशन 2 होगा लॉन्च
जापानी कंपनी आईस्पेस अपने हकुतो-R मिशन 2 के तहत रेजिलिएंस लैंडर को चंद्रमा पर भेजेगी। यह लैंडर टेनेशियस माइक्रो रोवर लेकर जाएगा, जो चंद्रमा की सतह की मिट्टी और खनिजों का अध्ययन करेगा।
इसके अलावा, इस मिशन में एक मूनहाउस नामक छोटा मॉडल हाउस भी होगा, जो भविष्य में चंद्रमा पर आवास की संभावना का परीक्षण करेगा।
इसके साथ एक वाटर इलेक्ट्रोलाइजर सिस्टम और डीप स्पेस रेडिएशन मॉनिटर भी भेजा जाएगा, जो चंद्रमा पर जीवन को लेकर जरूरी आंकड़े जुटाएंगे।
ग्रिफिन मिशन-1
ग्रिफिन मिशन-1 भी इसी साल होगा लॉन्च
अमेरिकी कंपनी एस्ट्रोबोटिक अपने ग्रिफिन मिशन-1 के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक बड़ा लैंडर भेजेगी। पहले इसमें नासा का VIPER रोवर शामिल था, लेकिन बढ़ती लागत और देरी के कारण इसे हटा दिया गया।
अब यह मिशन एक छोटे क्यूबरोवर को ले जाएगा, जो वहां की सतह की संरचना और तापमान की जांच करेगा। इसके साथ ही, इसमें लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर सरणी भी होगी, जिससे लैंडर की सटीक स्थिति को चंद्रमा पर मापा जा सकेगा।
अन्य मिशन
अन्य मिशन और भविष्य की योजनाएं
इंट्यूटिव मशीन का IM-3 मिशन 2025 के अंत तक लॉन्च हो सकता है। इसका लक्ष्य चंद्रमा के रेनर गामा क्षेत्र के चुंबकीय और प्लाज्मा गुणों का अध्ययन करना है।
यह मिशन नासा के MAPP रोवर और CADRE प्रोजेक्ट के 3 छोटे रोवर्स को लेकर जाएगा, जो आपस में समन्वय करके चंद्रमा पर प्रयोग करेंगे।
हालांकि, इस साल कोई मानवयुक्त चंद्र मिशन नहीं होगा। आर्टेमिस-II मिशन को अप्रैल, 2026 तक और आर्टेमिस-III मिशन को 2027 तक टाल दिया गया है।