झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस-JMM गठबंधन में अनबन की खबर, पार्टियों के अंदर भी सब ठीक नहीं
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के बीच अनबन की खबर है। कांग्रेस का मानना है कि JMM और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें किनारे कर दिया है और उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। दोनों पार्टियों के अंदर भी कुछ नेताओं में आपस में ठनी हुई है और इससे भी परिस्थितियां सरकार चलाने के लिए मुश्किल हो रही हैं।
दिल्ली बुलाए गए तीन कांग्रेस नेता और चार मंत्री
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए झारखंड के तीन कांग्रेस नेताओं और चार मंत्रियों को दिल्ली बुलाया गया है। झारखंड कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने चैनल को बताया कि सरकार चलाने के लिए साझा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय करने और एक समन्वय समिति बनाने की कांग्रेस की मांगों पर मुख्यमंत्री सोरेन के प्रतिक्रिया न देने से झारखंड के प्रभारी अविनाश पांडे नाराज हो गए हैं।
कांग्रेस में आंतरिक कलह भी
कांग्रेस के अंदर भी सब कुछ ठीक नहीं है और उसके कुछ नेताओं के बीच आपस में ठनी हुई है। पार्टी विधायक इरफान अंसारी और मंत्री बन्ना गुप्ता की आपस में बिल्कुल नहीं बनती और इरफान भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों को लेकर सार्वजनिक तौर पर गुप्ता पर सवाल खड़े कर चुके हैं। इसके अलावा पार्टी के कई सदस्य चाहते हैं कि कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आरपीएन सिंह के करीबियों को पार्टी में अहम पद न दिए जाएं।
JMM में भी सब कुछ ठीक नहीं
गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी JMM में भी सब कुछ ठीक नहीं है और पार्टी के दो विधायक, लोबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन, कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार का विरोध कर रहे हैं। हेम्ब्रम ने 3 अप्रैल को समर्थन जुटाने के लिए एक रैली का आयोजन भी किया था। वहीं मुख्यमंत्री सोरेन की रिश्तेदार सीता सोरेन ने पार्टी की इच्छा के विरोध अपने 'जंगल, जल, जमीन' अभियान के लिए समर्थन जुटाने के लिए 6 अप्रैल को बैठक बुलाई है।
सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगा चुके हैं सोरेन और अन्य नेता
बता दें कि 23 मार्च को मुख्यमंत्री सोरेन ने राज्य विधानसभा में कहा था कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले JMM के नेता रामदास सोरेन ने आरोप लगाया था कि पूर्व JMM नेता रवि केजरीवाल ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार को गिराने की साजिश की थी। कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने भी FIR दर्ज करा चार विधायकों पर भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
क्या है झारखंड विधानसभा की स्थिति?
81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। गठबंधन के पास 47 सीटें हैं, जिसमें JMM की 30, कांग्रेस की 16 और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की एक सीट शामिल है। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के 25 विधायक हैं, वहीं झारखंड विकास मार्च (JVM) के खाते में तीन सीटें हैं। बाकी सीटों पर निर्दलियों का कब्जा है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासियों का समर्थन गठबंधन की जीत में निर्णायक रहा था।