
हाथरस हादसे को लेकर राज्यसभा में चर्चा, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कानून बनाने की मांग की
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ की चपेट में आकर 123 लोगों की मौत हुई है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है।
गुरुवार को हादसे की चर्चा राज्यसभा में भी की गई। इस दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस तरह के हादसे अंधश्रद्धा की वजह से हो रहे हैं, जिसमें भीड़ जमा होती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं हैं।
सुरक्षा
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसा हो कानून- खड़गे
खड़गे ने कहा, "ये हादसे जो होते हैं, उसमें लोग अंध श्रद्धा की वजह से जमा होते हैं, और इसके लिए कोई कानून नहीं है। जैसे, सत्संग कितने क्षेत्र में होना चाहिए, कहां होना चाहिए, नजदीकी अस्पताल कितने हैं। उसके लिए कानून बनाना चाहिए। महाराष्ट्र और कर्नाटक में ऐसा कानून बने हैं।"
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे महत्वपूर्ण विषय बताते हुए सदन के बाद सत्ता और विपक्ष के नेता को मामले पर चर्चा के लिए बुलाया है।
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे
हाथरस के सत्संग में जैसा हादसा हुआ, ऐसे कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 3, 2024
इसलिए इस तरह के कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनने चाहिए।
जैसे- सत्संग कितनी बड़ी जगह में हो रहा है, वहाँ से अस्पताल कितनी दूर है।
ये जरूरी है कि कर्नाटक और… pic.twitter.com/8UWy2AZgO7
कानून
निर्भया के बाद अस्तित्व में आया था POCSO
दिसंबर, 2012 में दिल्ली में चलती बस में एक युवती की गैंगरेप के बाद निर्मम हत्या की गई थी। इस घटना को निर्भया कांड नाम दिया गया।
घटना के बाद पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर बहस छिड़ गई, जिसके बाद प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस (POCSO) 2012 अस्तित्व में आया।
POCSO में बच्चों के साथ छेड़छाड़ को भी रेप माना गया और मृत्युदंड की सजा जोड़ी गई। कानून की मांग लोकसभा और राज्यसभा में उठी थी।