सिर्फ सोना ही नहीं बल्कि ये 5 तरह के आराम शरीर को बनाए रखेंगे स्वस्थ
आज कल के समय में सभी लोग व्यस्त और भाग-दौड़ भरी जिंदगी जी रहे हैं। ऐसे में अपने शरीर को आराम देना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हो जाता है। थकान होने पर किसी काम में मन नहीं लगता और लगातार तनाव बना रहता है। घंटों की नींद के बाद भी कई लोग पूरी तरह से ताजगी महसूस नहीं करते। सिर्फ नींद लेने से ही नहीं, बल्कि इन 5 तरह के आराम से ही थका हुआ शरीर तरो-तजा हो सकेगा।
मानसिक आराम
शारीरिक आराम के साथ-साथ मानसिक आराम लेना भी जरूरी होता है। हमारी व्यस्त लाइफस्टाइल हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर खासा असर डालती हैं। अपने रोजाना के कामों से ब्रेक लेना आपके मन को शांत करके आपको सुकून दे सकता है। अपने ब्रेक के दौरान ऐसे काम करें जिनसे आपको खुशी मिलती हो। आप गाने सुनकर, घूमने जाकर, किताबें पढ़कर या अपनी मन-पसंद फिल्म देखकर अपने दिमाग को आराम दे सकते हैं।
सामाजिक आराम
लोगों से मिलना-झुलना जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गया है। लोग आमतौर पर ऐसा करने के लिए पार्टियों में शामिल होते हैं और सोशल मीडिया पर सक्रीय रहते हैं। हालांकि, सामाजिक आराम पाने का मतलब खुद के साथ कुछ समय बिताना और लोगों से कुछ वक्त दूर रहना है। इससे आपको तरो-तजा महसूस करने में मदद मिलेगी। अपने बारे में सोचने के लिए कुछ समय निकालें, टहलने जाएं या अपने पालतू जानवरों के साथ कुछ शांतिपूर्ण समय बिताएं।
सेंसरी आराम
इलेक्ट्रॉनिक या बिजली से चलने वाले उपकरण, खासकर के कंप्यूटर या मोबाइल फोन, से खुद को दूर रखना भी जरूरी है। ऐसा करने से आपको सेंसरी आराम पाने में मदद मिलती है। कुछ समय अपने मोबाईल, टीवी आदि को बंद करके खुद के साथ समय बिताएं। इससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संपर्क को कम किया जा सकता है, जो लोगों की इंद्रियों पर हावी हो सकते हैं। डिजिटल ब्रेक लेने से भी तनाव कम करने में मदद मिलती है।
आध्यात्मिक आराम
दुनिया से अलग होकर आध्यात्मिक आराम पाना भी स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। यह जीवन के उद्देश्य को खोजने और प्यार या समझदारी की भावनाओं को पाने में मदद करता है। आध्यात्मिक आराम पाने के लिए किसी ऐसे आध्यात्मिक समुदाय में शामिल हुआ जा सकता है, जहां भगवान से जुड़ाव बढ़ता हो। आप इस आराम के लिए समाज सेवा या प्रार्थना में शामिल हो सकते हैं। आप तनाव कम करने के लिए ध्यान योग भी कर सकते हैं।
भावनात्मक आराम
खुद को स्वस्थ रखने के लिए आपको भावनात्मक आराम लेने पर विचार करना चाहिए। इसे खुलकर और बेझिझक हो कर अपनी भावनाओं को साझा करके हासिल किया जा सकता है। आप अकेले बैठ कर अपनी भावनाओं के बारे में सोचें या अपने किसी करीबी से मन की बातों को साझा करें। इस बात का ध्यान रखें की आपको हमेशा दूसरों के ही नहीं, बल्कि खुदे के विचारों और खुशी का भी ध्यान रखना चाहिए।