उत्तराखंड का एक खूबसूरत शहर है पिथौरागढ़, यहां आजमाएं ये 5 गतिविधियां
उत्तराखंड का पिथौरागढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए मशहूर है। यह शहर हिमालय की गोद में बसा है और यहां की हरी-भरी घाटियां, ऊंचे पहाड़ और साफ नदियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। पिथौरागढ़ का मौसम सालभर सुहावना रहता है, जिससे यह हर मौसम में घूमने के लिए उपयुक्त है। यहां आने वाले पर्यटक ट्रेकिंग, कैंपिंग और स्थानीय संस्कृति का आनंद ले सकते हैं। पिथौरागढ़ की यात्रा आपको एक अनोखा अनुभव देगी, जो जीवनभर यादगार रहेगा।
पिथौरागढ़ पहुंचने का आसान तरीका है नैनी सैनी हवाई अड्डा
पिथौरागढ़ पहुंचने के लिए नैनी सैनी हवाई अड्डा सबसे सुविधाजनक विकल्प है। यह हवाई अड्डा शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां से टैक्सी या बस द्वारा पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से नैनी सैनी के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं, जिससे आपकी यात्रा आरामदायक हो जाती है। अगर आप सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जहां से आप टैक्सी या बस द्वारा पिथौरागढ़ पहुंच सकते हैं।
चंडाक पहाड़ी पर करें ट्रेकिंग
चंडाक पहाड़ी पर ट्रेकिंग करना पिथौरागढ़ में एक रोमांचक अनुभव हो सकता है। यह पहाड़ी शहर से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए आपको घने जंगलों और खूबसूरत रास्तों से गुजरना पड़ता है। चंडाक की ऊंचाई पर पहुंचकर आप पूरे क्षेत्र का शानदार दृश्य देख सकते हैं, जो आपकी थकान को पल भर में मिटा देगा। इस ट्रेकिंग रूट पर कई छोटे-छोटे झरने भी मिलते हैं, जिनका पानी बेहद साफ होता है।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य
अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य वन्यजीव प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों का घर माना जाता है जैसे कि हिमालयन तहर, कस्तूरी मृग आदि। यहां आने वाले पर्यटक जंगल सफारी कर सकते हैं, जिसमें उन्हें इन जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका मिलता है। इसके अलावा इस अभयारण्य में कई प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटियां भी मिलती हैं, जिनका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है।
कपिलेश्वर महादेव मंदिर जाएं
कपिलेश्वर महादेव मंदिर धार्मिक आस्था रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित किया गया था और इसकी वास्तुकला बेहद आकर्षक मानी जाती रही थी। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कुछ सीढि़यों पर चढ़ाई करनी पड़ती हैं, लेकिन जब आप ऊपर पहुंचते है तो वहां की शांति और सुंदरता आपका मनमोह लेती है । यहां हर साल शिवरात्रि पर्व बड़े धूमधाम और श्रद्धाभाव संग मनाया जाता रहा था ।
प्रकृति संग समय बिताने के लिए आदर्श स्थान है थलकेदार झील
थलकेदार झील प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है। यहां का शांत वातावरण और नीला पानी देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। झील किनारे बैठकर सूर्योदय या सूर्यास्त देखना अनोखा अनुभव है। यहां बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध रहती है, जिससे पर्यटक झील का भ्रमण कर सकते हैं। झील के आसपास की हरियाली और पक्षियों का कलरव सुनकर आत्मिक शांति महसूस होती है, जो मन को सुकून देती है।