
हाथ से बनाई जाने वाली इन साड़ियों की बात ही है निराली, स्टाइल का बनाएं हिस्सा
क्या है खबर?
हाथ से बनाए जाने वाले कपड़े भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा हैं। ये न केवल हमारी परंपरा को दर्शाते हैं, बल्कि फैशन में भी खास जगह रखते हैं।
आजकल के फैशन प्रेमियों के लिए ये कपड़े स्टाइल और आराम का बेहतरीन मेल प्रस्तुत करते हैं।
इस लेख में हम आपको पांच ऐसी हाथ से बनाई जाने वाली साड़ियों के बारे में बताएंगे, जो हर महिला की अलमारी में जरूर होनी चाहिए।
#1
बनारसी साड़ी
बनारसी साड़ी अपनी जरी की कारीगरी और रेशमी धागों से बनी होती है, जो इसे बेहद खास बनाती है। यह साड़ी खास मौकों पर पहनने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
बनारस की गलियों में बनने वाली यह साड़ी अपने भारी काम और चमकदार रंगों के लिए जानी जाती है।
इसे पहनकर आप किसी भी शादी या त्योहार में शाही अंदाज पा सकते हैं।
इसके अनोखे डिजाइन और पारंपरिक लुक के कारण यह फैशन प्रेमियों की पहली पसंद है।
#2
चंदेरी सिल्क साड़ी
चंदेरी सिल्क मध्य प्रदेश की खास पहचान है, जो अपनी महीन बुनाई के लिए जानी जाती है।
यह कपड़ा बेहद हल्का होता है, जिससे गर्मियों में इसे पहनना बहुत आरामदायक होता है।
चंदेरी सिल्क की साड़ियां पारंपरिक डिजाइन और हल्की कढ़ाई के साथ आती हैं, जो इन्हें खास बनाती हैं।
इनके चमकीले रंग और बारीक कढ़ाई किसी भी खास मौके पर पहनने के लिए उपयुक्त बना सकते हैं।
#3
पटोला साड़ी
पटोला गुजरात का एक खास हस्तशिल्प है, जो अपनी जटिल बुनाई के लिए प्रसिद्ध है। इसे दोहरे इकट्ठे धागों से बुना जाता है, जिससे इसके पैटर्न दोनों तरफ समान दिखते हैं।
पटोला साड़ियों की खासियत उनके रंगीन पैलेट और अनूठे डिजाइन में होती है, जो इन्हें खास मौकों पर पहनने के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
इन साड़ियों की चमकीली रंगत और बारीक कारीगरी उन्हें त्योहारों और शादी-ब्याह जैसे अवसरों पर पहनने के लिए आदर्श बनाती हैं।
#4
कांजीवरम सिल्क साड़ी
कांजीवरम सिल्क तमिलनाडु की खास पहचान है और इसे दक्षिण भारत की रानी कहा जाता है।
इसकी मोटी बुनाई और चमकीले रंग इसे शादी-ब्याह जैसे बड़े आयोजनों के लिए आदर्श बनाते हैं।
कांजीवरम साड़ियों पर सुनहरी जरी का काम इन्हें बेहद आकर्षक बना देता है। इन साड़ियों की खासियत उनके पारंपरिक डिजाइन और शानदार रंगों में होती है, जो किसी भी खास मौके पर पहनने के लिए उपयुक्त हैं।
#5
इकत साड़ी
इकत एक प्राचीन तकनीक से बना होता है, जिसमें धागे पहले रंगे जाते हैं, फिर बुने जाते हैं ताकि पैटर्न उभर सके।
ओडिशा, आंध्र प्रदेश और गुजरात इसके प्रमुख केंद्र माने जाते हैं, जहां इकत कपड़ों को अलग-अलग डिजाइन में तैयार किया जाता है।
इन सभी अद्वितीय हस्तशिल्पों ने भारतीय फैशन उद्योग को समृद्ध किया हुआ है, जिससे हर कोई इनकी ओर आकर्षित हो रहा है।