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किडनी की कोई समस्या है तो टमाटर खाने से बचें, जानें ऐसा करना क्यों है जरूरी
किडनी की समस्या वाले लोग न खाएं टमाटर

किडनी की कोई समस्या है तो टमाटर खाने से बचें, जानें ऐसा करना क्यों है जरूरी

लेखन अंजली
Mar 25, 2025
04:33 pm

क्या है खबर?

किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जो खून को साफ करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, लेकिन जब किडनी में कोई समस्या होती है तो हमें अपने खान-पान पर खास ध्यान देना पड़ता है। टमाटर आमतौर पर हमारे खाने का हिस्सा होता है, किडनी विकारों के दौरान नुकसानदायक हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों टमाटर से बचना चाहिए और इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं।

#1

पोटैशियम की होती है अधिकता

टमाटर में पोटैशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। किडनी विकार वाले लोगों के लिए पोटैशियम का उच्च स्तर हानिकारक हो सकता है क्योंकि उनकी किडनियां इसे सही तरीके से फिल्टर नहीं कर पाती हैं। इससे शरीर में पोटैशियम की मात्रा बढ़ सकती है, जो दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इसलिए अगर आपकी किडनी में कोई समस्या है तो टमाटर का सेवन कम करना बेहतर होता है।

#2

ऑक्सालेट्स की होती है मौजूदगी

टमाटर में ऑक्सालेट्स भी होते हैं, जो कुछ लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऑक्सालेट्स कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी की पथरी बना सकते हैं। जिन लोगों को पहले से ही किडनी में पथरी या संबंधित समस्याएं होती हैं, उनके लिए टमाटर का सेवन जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए ऐसे लोग डॉक्टर से सलाह लेकर ही टमाटर खाएं ताकि उनकी स्थिति बिगड़ने न पाए।

#3

सोडियम का स्तर हो सकता है प्रभावित

टमाटर की चटनी और कैचप जैसे उत्पादों में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। सोडियम का उच्च स्तर ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है और यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से हानिकारक होता है, जिनकी किडनियां ठीक तरह से काम नहीं कर रही होती हैं। इसलिए अगर आप किडनी विकारों से जूझ रहे हैं तो इन उत्पादों के सेवन से बचें या इन्हें सीमित मात्रा में लें।

#4

एसिडिटी बढ़ाने वाला है तत्व

टमाटर एक अम्लीय फल होता है, जो पेट में एसिडिटी बढ़ा सकता है। जिन लोगों को पहले ही पेट संबंधी समस्याएं होती हैं या जिन्हें एसिड रिफ्लक्स जैसी परेशानियां रहती हैं, उनके लिए यह स्थिति और बिगड़ सकती है। इसके अलावा अम्लीय खाद्य पदार्थ कुछ दवाओं के प्रभाव को भी कम कर सकते हैं, जो कि किडनी रोगियों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।