शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को एक समझने की न करें गलती, जानिए दोनों के बीच का अंतर
क्या है खबर?
महाशिवरात्रि का पावन पर्व 26 फरवरी यानि बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का प्रेम विवाह हुआ था।
इसके उपलक्ष्य में सभी श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भोले बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं। कई लोग इस बात से अवगत नहीं हैं कि शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के बीच अंतर होता है।
आइए इस लेख में इन त्योहारों के बीच के अंतर को समझने का प्रयास करते हैं।
शिवरात्रि
शिवरात्रि क्या होती है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
प्रत्येक माह में आने के कारण इसको मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं। सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को बड़ी शिवरात्रि कहा जाता है, जो बेहद खास होती है।
मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने विष को अपने कंठ में धारण किया था।
महाशिवरात्रि
क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?
महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन पार्वती माता और भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे।
हिंदू धर्म में इस पर्व को सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से मन चाहा जीवनसाथी मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि की रात को जागरण करना चाहिए, दान करना चाहिए और शिव जी की आरती करनी चाहिए।
उत्सव
इस तरह से मनाएं महाशिवरात्रि
इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और भोलेनाथ के मंदिर जा कर उनकी पूजा करें।
दूध और जल से शिवलिंग का अभिषेक करें और भोले बाबा को बेलपत्र, भस्म और पुष्प अर्पित करें। भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उपवास रखें और सात्विक भोजन का ही सेवन करें।
रात के समय जागते रहें और 'ॐ नमः शिवाय' का मंत्रोचारण करते रहें। इस पर्व पर आपको दान भी करने चाहिए।
तिथि
कब मनाई जाएगी शिवरात्रि?
सावन शिवरात्रि 23 जुलाई को मनाई जाएगी, जो सुबह 3:09 पर शुरू होगी और 24 जुलाई को दोपहर 12:58 बजे समाप्त होगी।
इस दिन भी श्रद्धालुओं को व्रत रखना चाहिए और सात्विक भोजन करना चाहिए। कुछ भक्त इस दिन निर्जला व्रत भी धारण करते हैं, जिसके दौरान पानी भी नहीं पिया जाता है।
इस पर्व का उत्सव भी महाशिवरात्रि जैसा ही होता है।
महाशिवरात्रि की पूजा के दौरान भोलेनाथ पर ये चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए।