क्या रामायण से जुड़ी ये अनसुनी बातें जानते हैं आप?
क्या है खबर?
रामायण का हिन्दू धर्म में बेहद पवित्र और अहम महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मूल रामायण की रचना 'ऋषि वाल्मीकि' द्वारा की गई थी।
इनके अलावा कई अन्य संतों और वेद पंडितों जैसे तुलसीदास, संत एकनाथ आदि ने भी इसके अन्य संस्करणों की रचना की है, जिनके संस्करण में अलग-अलग तरीके से कहानी को बताया गया है।
चलिए आज रामायण से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानें।
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भगवान राम की बहन-भाईयों के बारे में अनसुनी बातें
दक्षिण की रामायण के मुताबिक, राजा दशरथ के चार पुत्र और एक पुत्री भी थीं, जिनका नाम 'शांता' था। लेकिन शांता के पैदा होते ही उन्हें अंगदेश के राजा रोमपद ने गोद ले लिया था।
वहीं, राम के अलावा उनके बाकी भाईयों ने भी अवतार के रूप में जन्म लिया था। जैसे लक्ष्मण, भगवान विष्णु के शेषनाग का अवतार थे। जबकि, भरत और शत्रुघन भगवान विष्णु के सुदर्शन-चक्र और शंख-शैल के अवतार थे।
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माता सीता के स्वयंवर की अनूठी बातें
भगवान राम का सीता से विवाह एक स्वयंवर के माध्यम से हुआ था, जिसमें सभी राजकुमारों को एक शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाना था। बता दें कि भगवान शिव के उस धनुष का नाम 'पिनाक' था।
वहीं, यह बात भी बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि माता सीता बचपन में खेल-खेलते समय पिनाक धनुष को उठा लेती थीं, जिस वजह से उनका स्वयंवर धनुष के आधार पर रखा गया था।
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भगवान राम के वनवास की कुछ सच्ची बातें
वनवास से पहले राम के चरण स्पर्श से जो शिला स्त्री बन गई, वो स्त्री 'अहिल्या' थीं जो गौतम ऋषि की पत्नी थीं। दरअसल, उस समय गौतम ऋषि को लगा कि उनकी पत्नी ने उन्हें धोखा दिया है, जिसके चलते उन्होंने अहिल्या को श्राप देकर शिला बना दिया था।
वहीं राम, सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास का ज्यादातर समय (10 वर्ष) 'दंडकारण्य' नामक वन में पूरा किया था जो अब छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश तक फैला हुआ है।
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माता सीता और भगवान हनुमान से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
हनुमान लंका के अंदर तीन बार गए थे। पहली बार माता सीता का पता लगाने भगवान राम ने भेजा था, दूसरी बार लक्ष्मण के मूर्छित होने पर वैद्य को लेने और तीसरी बार रावण का वध होने के बाद।
इसके अलावा, यह बात कम लोगों को मालूम होगी कि गर्भवती माता सीता महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रही थीं जिन्होंने रामायण को लिखा था। उन्हीं के आश्रम में माता सीता ने अपने बच्चों यानी लव-कुश को जन्म दिया था।
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रामायण के अन्य रोचक तथ्य
दक्षित भारत की रामायण पर गौर फरमाया जाए तो रामसेतु बनाने में कुल मिलाकर पांच दिन का समय लगा था। इस सेतु की लंबाई 30 मील (48 किलोमीटर) बताई जाती है।
वहीं, आपको बताते चलें कि गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं और वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोक हैं। रामायण के हर 1,000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर (बीजाक्षरों) से गायत्री मंत्र बनता है। यह मंत्र इस पवित्र महाकाव्य का सार है।