हरियाली तीज विशेष: जानिये त्योहार के दौरान क्या करना सही और क्या है वर्जित
सावन में कुछ त्योहार केवल महिलाओं के लिए होते हैं। हरियाली तीज भी इनमें से एक है जो सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी कल 23 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी। इस दिन सुहागन महिलाएं श्रृंगार करके माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं ताकि उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो। इस दौरान सुहागन महिलाओं के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। आइए इनके बारे में जानते हैं।
क्यों मनाया जाता है यह त्योहार?
पौराणिक काल से यह मान्यता है कि इसी दिन मां पार्वती ने कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव को पाया था। इसी दिन पार्वती के तप से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तीज का त्योहार माता पार्वती को समर्पित है और इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। इस दिन सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और झूला झूलने की परंपरा को निभाती हैं।
व्रत के लिए इन चीजों को माना जाता है शुभ
1) हरियाली तीज पर निर्जला व्रत रखा जाता है यानी इस व्रत में पानी नहीं पीते हैं। हालांकि गर्भवती और बीमार महिलाओं पर यह लागू नहीं होता। 2) आज के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को हरियाली तीज की व्रत कथा सुननी चाहिए। इससे व्रत पूर्ण माना जाता है। 3) यह व्रत पति की लंबी आयु और उनकी खुशहाली के लिए होता है। वहीं इस दिन तीज माता यानी माता पार्वती के गाने और कहानियां सुनना शुभ माना जाता है।
व्रत के दौरान भूल से भी नहीं करनी चाहिए ये गलतियां
1) इस व्रत में सफेद और काले वस्त्रों का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है। 2) यह भी कहा जाता है कि तीज के व्रत में सोना नहीं चाहिए। 3) हिन्दू धर्म के मुताबिक इस त्योहार के दौरान व्रत रखने वाली पत्नी को मन, कर्म और वचन से शुद्ध होना चाहिए अर्थात किसी के बारे में बुरा न सोचें, गलत कार्य न करें और किसी के प्रति गलत भाषा का प्रयोग न करें।
इन बातों को माना जाता है महत्वपूर्ण
हरियाली तीज के दिन कुछ चीजों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जैसे हरे रंग की चूड़ियां और मेहंदी जिनका सुहागन महिलाएं बहुत ध्यान रखती हैं क्योंकि इन्हें उनके पति की दीर्घायु और उनके सेहतमंद और खुशहाल होने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं हरे रंग का इस्तेमाल प्रमुखता से करती हैं। वहीं हरियाली तीज पर मायके वाले बेटी को साड़ी, श्रृंगार सामग्री, मिठाई और फल आदि भेजते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है।